Bihar: 77वें स्वतंत्रता दिवस को लेकर भूसी से बनाया गांधी जी का चित्र, आर्टिस्ट पहले भी कर चुके हैं ऐसा कारनामा
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Bihar: 77वें स्वतंत्रता दिवस को लेकर भूसी से बनाया गांधी जी का चित्र, आर्टिस्ट पहले भी कर चुके हैं ऐसा कारनामा

आर्टिस्ट अमरीश पुरी ने बताया इसके पहले मैंने तीन कलाकृतियां धान की भूसी से बनाया था जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. सुवरा हवाई अड्डा पर 900 स्क्वायर फीट में तिरंगे के रंग में हमने रंगोली बनाया था. उसके बाद 2500 स्क्वायर फीट में रक्षाबंधन के मौके पर राखी बनाया था और उसे पीपल के पेड़ में बांधा गया था.

गांधी जी की तस्वीर

Kaimur News: बिहार के कैमूर जिले के आर्टिस्ट अमरीश पुरी ने स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का चित्र धान की भूसी से बनाया है. अमरीश पुरी पहले भी धान की भूसी से तीन प्रकार की अपनी कलाकृति बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवा चुके हैं. इस बार उन्होंने धान की भूसी से गांधी जी की प्रतिमा 526 स्क्वायर फीट में बनाया है. साथ ही उसका बैकग्राउंड तिरंगे के रंग में दिया है. जिसका उद्घाटन आज कैमूर जिला अधिकारी सावन कुमार, एसडीएम साकेत कुमार, और डीएसपी भभुआ शिव शंकर कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया. 

कैमूर जिला कृषि प्रधान है. यहां की ज्यादा आबादी कृषि पर ही निर्भर है. इसी बात को देखते हुए और पर्यावरण को देखते हुए कलाकार अमरीश पुरी ने धान की भूसी लाकर तीन दिनों तक लगातार मेहनत कर गांधी जी की प्रतिमा बनाया है. आर्टिस्ट अमरीश पुरी ने बताया इसके पहले मैंने तीन कलाकृतियां धान की भूसी से बनाया था जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. सुवरा हवाई अड्डा पर 900 स्क्वायर फीट में तिरंगे के रंग में हमने रंगोली बनाया था. उसके बाद 2500 स्क्वायर फीट में रक्षाबंधन के मौके पर राखी बनाया था और उसे पीपल के पेड़ में बांधा गया था. यह इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था. 

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इस बार जगह की कमी के कारण 526 स्क्वायर फीट में गांधी जी की प्रतिमा धान की भूसी से बनाया है. उसके बैकग्राउंड में तिरंगे का कलर दिया गया है क्योंकि स्वतंत्रता दिवस है जिसपर यह कलाकृति समर्पित है. हम जिस जगह पर हैं वहां धान की खेती बहुत ज्यादा होती है इसीलिए धान की भूसी से कलाकृतियां बनाई गई है . भूसी लेने के लिए भी कई राइस मिल मालिकों के पास गया लेकिन उनके द्वारा मुझे सहयोग नहीं किया गया किसी तरह हम 4 से 5 बोरी धान की भूसी लेकर आया और तीन दिनों तक लगातार मेहनत करने के बाद इसको बनाया गया. मैं और मेरे साथ सीख रहे शिष्य ने मिलकर साथ बनाया है. मैं जिला प्रशासन से कहना चाहता हूं कि हम जैसे कलाकारों की प्रतिभा को निखारने के लिए एक अच्छी जगह की भी व्यवस्था कराई जाए.

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कैमूर जिलाधिकारी सावन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कलाकार अमरीश द्वारा महात्मा गांधी की प्रतिमा धान की भूसी से बनाया है जो भव्य है. जिसका मुख्य उद्देश्य है कैसे हम लोगों को कृषि को राष्ट्रवाद के रूप में आगे बढ़ाए. इसी का संदेश देने का प्रयास किया गया है. हमलोग के जिले का आर्थिक बल कृषि है उसको कैसे हम लोग शीर्ष तक आगे बढ़ा सकते हैं उसको प्रदर्शित करने का काम किया गया है . जिला प्रशासन के रूप में विशेष धन्यवाद देता हूं.

रिपोर्ट- मुकुल जायसवाल

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