गढ़वा में तालाब में नहाते समय युवक की दुखद मौत, बिसुनपुरा में शोक की लहर
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गढ़वा में तालाब में नहाते समय युवक की दुखद मौत, बिसुनपुरा में शोक की लहर

Jharkhand News: ग्रामीण लगभग एक घंटे तक प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. इसके बाद, पूर्व विधायक और झामुमो नेता अनंत प्रताप देव ने मेराल के सोहबरिया से चार मछुआरा तैराकों को बुलाया.

गढ़वा में तालाब में नहाते समय युवक की दुखद मौत, बिसुनपुरा में शोक की लहर

गढ़वा: गढ़वा जिले के बिसुनपुरा थाना क्षेत्र में श्री विष्णु मंदिर के पास पोखरा चौक तालाब में नहाने गए एक युवक की डूबने से मौत हो गई. युवक की पहचान विशुनपुरा निवासी सीताराम चंद्रवंशी के 19 वर्षीय पुत्र रंजन चंद्रवंशी के रूप में हुई है.

जानकारी के अनुसार रंजन अपने तीन दोस्तों के साथ तालाब में नहाने गया था. नहाते समय सभी युवक गहरे पानी में चले गए और उन्हें नियंत्रण खो दिया. इस दौरान तीन युवक तो किसी तरह तालाब से बाहर निकल आए, लेकिन रंजन पानी में डूब गया. इसके बाद, तीनों दोस्तों ने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय लोगों को दी. घटना की खबर पूरे गांव में तेजी से फैल गई, जिससे वहां सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए.

स्थानीय तैराकों ने रंजन की तलाश के लिए तालाब में काफी प्रयास किए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. इसके बाद ग्रामीणों ने बिसुनपुरा थाना को घटना की सूचना दी. थाना प्रभारी राहुल कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली. लेकिन देर रात तक एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम नहीं पहुंची, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश पैदा हो गया. उग्र ग्रामीण धरने पर बैठ गए और प्रशासन और प्रतिनिधियों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. वे प्रशासन से तुरंत एनडीआरएफ टीम की मांग कर रहे थे.

ग्रामीण लगभग एक घंटे तक प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. इसके बाद, पूर्व विधायक और झामुमो नेता अनंत प्रताप देव ने मेराल के सोहबरिया से चार मछुआरा तैराकों को बुलाया. तैराकों ने तालाब में शव की खोजबीन शुरू की. अंततः घटना के आठ घंटे बाद लगभग साढ़े बारह बजे काफी मशक्कत के बाद शव को तालाब से बाहर निकालने में सफलता मिली. जैसे ही शव बाहर निकाला गया, पूरे गांव में मातम छा गया. मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया.

साथ ही इस घटना के बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया और पूरी रात उसे वहीं रखा. यह घटना न केवल रंजन के परिवार के लिए एक बड़े दुख का कारण बनी, बल्कि पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई. गांव के लोग इस घटना से बहुत दुखी हैं और प्रशासन से यह उम्मीद कर रहे हैं कि ऐसे हादसे फिर न हों. इस दुखद घटना ने यह भी साबित किया कि जलाशयों में नहाते समय सतर्कता बरतनी चाहिए, खासकर जब गहरे पानी में जाना हो. ग्रामीणों ने प्रशासन से तालाबों की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों.

इनपुट- जी बिहार झारखंड ब्यूरो

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