बक्सरः अल्पावास गृह में रह रही युवती पाई गई एचआईवी ग्रस्त, उठ रहे सवाल
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar553184

बक्सरः अल्पावास गृह में रह रही युवती पाई गई एचआईवी ग्रस्त, उठ रहे सवाल

बक्सर अल्पावास गृह में रह रही एक युवती को एचआईवी पॉजिटिव पाया गया, जिसके बाद आनन-फानन में लड़की को इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया. पटना में एक एनजीओ के माध्यम से उसका फिलहाल इलाज चल रहा है.

पटना में एक एनजीओ के माध्यम से उसका फिलहाल इलाज चल रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बक्सरः बिहार में पिछले कुछ दिनों पहले अल्पावास गृह में रह रहे लड़कियों के साथ अत्याचार के मामले ने काफी तूल पकड़ा था, इधर बक्सर में भी एक ऐसा मामला सामने आया है. जिससे एक बार फिर अल्पावास गृह की व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है. दरअसल बक्सर अल्पावास गृह में रह रही एक युवती को एचआईवी पॉजिटिव पाया गया, जिसके बाद आनन-फानन में लड़की को इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया. पटना में एक एनजीओ के माध्यम से उसका फिलहाल इलाज चल रहा है.

मामला पिछले फरवरी माह का है, जब युवती 13 फरवरी को आरा से बक्सर अल्पावास गृह में शिफ्ट किया गया था. बक्सर अल्पावास गृह प्रशासन के मुताबिक युवती के हेल्थ में लगातार गिरावट आ रही थी. इसीलिए 29 मार्च को उसका एचआईवी जांच कराया गया, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया.

दरअसल हैरान करने वाली बात यह है कि जब युवती को आरा से बक्सर अल्पावास गृह को सौंपा गया तो उस समय उसे एचआईवी पॉजिटिव होने की बात सामने नहीं आई थी, और ना ही ऐसी कोई रिपोर्ट बक्सर अल्पावास गृह को दी गई थी. अब सवाल यह उठता है कि लड़की कहां और कैसे इस बीमारी की शिकार हुई.

बक्सर अल्पावास गृह से आई इस खबर के बाद हमने मामले की तह में जाने की कोशिश की. इस बाबत हमने बक्सर सदर अस्पताल में एड्स कंट्रोल मेडिकल यूनिट के चिकित्सक प्रभारी अनिल कुमार सिंह से बात की. चिकित्सक ने हमें बताया कि जब लड़की को सदर अस्पताल में लाया गया था तो उसकी स्थिति काफी नाजुक थी और वह काफी बुरी हालात में थी. हालांकि जांच में उसे एचआईवी पॉजिटिव पाया गया, जिसके बाद बेहतर इलाज के लिए तत्काल उसे पटना रेफर कर दिया गया.

जानकारी के मुताबिक युवती को कैमूर अल्पावास गृह से आरा अल्पावास गृह में शिफ्ट किया गया था, जिसके बाद पिछले फरवरी माह में आरा से उसे बक्सर अल्पावास गृह में लाया गया था. सवाल यह भी है कि बक्सर से पहले दोनों जगहों पर युवती का पहले कोई मेडिकल चेकअप क्यों नहीं कराया गया. युवती को जब बक्सर शिफ्ट किया गया उस समय भी उसका मेडिकल चेकप क्यों नहीं हुआ. अब युवती की हालत बिगड़ने के महीनों बाद उसका जांच में एचआईवी पॉजिटिव का पाया जाना कहीं न कहीं अल्पावास गृहों की व्यवस्था पर भी बड़े सवाल खड़ा करता है. 

दरअसल कैमूर के कुदरा के लालापुर में स्थित अल्पावास गृह में रह रही संवासिनों के साथ पिछले साल सुरक्षा गार्ड एवं अन्य लोगों द्वारा कथित दुर्व्यवहार किए जाने की बात सामने आई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई उसी सिलसिले में बक्सर पहुंचकर भी तीन बार उक्त युवती से पूछताछ कर चुकी है.

बहरहाल यह कोई पहला मामला नहीं है जब बिहार के अल्पावास गृह में महिलाओं की सुरक्षा और वहां की व्यवस्था पर सवाल खड़ा हुआ है. यह अलग बात हैकि बक्सर के इस मामले ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर ढिंढोरा पीटनेवाले खोखले सिस्टम को आइना दिखाने का काम किया है.