Jamshedpur Samachar: उम्मीद जताई जा रही है कि गुरुवार शाम तक नदी के जलस्तर में वृद्धि हो सकती है जिसकी वजह से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है.
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Jamshedpur: जमशेदपुर में मानसून के दस्तक देते ही 3 दिनों से लगातार रुक-रुक कर हो रही झमाझम बारिश से जहां लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ, वहीं ओड़िशा के व्यंग विल डैम का फाटक खोल दिए जाने की वजह से शहर की स्वर्णरेखा और खरकाई नदी का जलस्तर बढ़ने लगा, जिससे तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
इसे लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधि भी नदी तटों और निचले इलाकों का निरीक्षण कर लोगों को सचेत करते नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही उपायुक्त सूरज कुमार ने भी पूर्वीसिंहभूम में बाढ़ को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है.
सूरज कुमार ने बताया कि बुधवार रात को ही डैम का फाटक खोल दिया गया. डैम का फाटक खोलते ही जितने भी तटीय इलाके हैं, बाढ़ ग्रसित क्षेत्र हैं, वहां जिले के प्रशासनिक पदाधिकारी लोगों को सचेत करते नजर आए.
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उन्होंने आगे कहा कि 'पहले दिनों 'यास' चक्रवाती तूफान के दौरान जमशेदपुर में बागबेड़ा क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ था, कई घर इसकी चपेट में आ गए थे और अब दोबारा ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसे लेकर लोग पहले ही सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.'
इधर, इन सब को ध्यान में रखते हुए अंचलाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी के निर्देशानुसार पंचायत प्रतिनिधियों ने नदी तट और निचले इलाकों का भ्रमण कर लोगों से सचेत रहने का आग्रह किया है क्योंकि उम्मीद जताई जा रही है कि गुरुवार शाम तक नदी के जलस्तर में वृद्धि हो सकती है जिसकी वजह से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है. फिलहाल अभी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है.
एक तरफ लगातार शहर में हो रही बारिश वहीं दूसरी तरफ से उड़ीसा और चांडिल का डैम खोलने से शहर की दोनों नदियां उफान पर आ सकती है, नदियों में पानी भरते ही शहर की 50 परसेंट बस्तियों में बाढ़ का पानी हजारों घरों में प्रवेश कर जाएगा, जिसको लेकर उपायुक्त ने तीनों निकाय के अधिकारियों को नदी किनारे बस्तियों को खाली कराकर सुरक्षित जगह पहुंचाने का निर्देश दिया है. प्रशासन द्वारा नदी किनारे नहीं जाने को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.