Jamui News: स्कूल के जिस कमरे में कभी बच्चों की पाठशाला लगती थी, अब वह मैडम जी का बेडरूम बन चुका है. जहां बच्चों की पढ़ाई होनी थी, उसे अब प्रिंसिपल मैडम ने अपना आशियाना बना लिया है.
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Jamui News: बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए काफी सख्त तेवर अपनाते हुए कई काम किए, लेकिन उनके सारे प्रयास असफल साबित होते दिख रहे हैं. जैसे-जैसे केके पाठक की विदाई का वक्त नजदीक आ रहा है, बिहार के सरकारी मास्टर साहब फिर से अपने पुराने ढर्रे को अपनाते हुए नजर आ रहे हैं. ताजा मामला जमुई जिले से सामने आया है. यहां प्रिंसिपल मैडम ने कुछ ऐसा काम किया है, जिसे देख और सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. प्रिंसिपल मैडम ने स्कूल में ही अपनी गृहस्थी बसा ली और पति के साथ बड़े मौज से जिंदगी गुजारने में लगी हैं.
यह स्कूल जमुई जिले के खैरा प्रखंड के सुदूर बरदौन गांव में है. बताया जा रहा है कि स्कूल के जिस कमरे में कभी बच्चों की पाठशाला लगती थी, अब वह मैडम जी का बेडरूम बन चुका है. जहां बच्चों की पढ़ाई होनी थी, उसे अब प्रिंसिपल मैडम ने अपना आशियाना बना लिया है. स्कूल में चॉक, किताबों और ब्लैकबोर्ड की जगह अब बिस्तर, कंबल, तकिए, अलमारी, स्टोव, फ्रिज और टीवी की जगह ले ली है. बताया जा रहा है कि स्कूल की हेडमास्टर शीला हेंब्रम अपने पति के साथ स्कूल में ही रहती हैं. जानकारी के अनुसार स्कूल की प्रधान शिक्षिका शीला हेंब्रम का मायके बरदौन में ही है और वह बगल में ही अपना मकान बनवा रही हैं.
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टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, हेडमास्टर के निजी मकान को बनाने में इस्तेमाल होने वाली निर्माण सामग्री भी स्कूल में ही रखी जाती है. इतना ही नहीं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से मजदूरी भी कराई जाती है. बच्चे प्रिंसिपल मैडम के मकान के सामान की ढुलाई करते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरदौन में 8वीं तक की पढ़ाई होती है और 130 बच्चों का नामांकन है. इस स्कूल में तीन कमरे हैं. पहले कमरे में कक्षा 1 से 3 जबकि दूसरे कक्ष में 4 से 5 और तीसरे कमरे की कक्षा 6 से 8 क्लास की पढ़ाई होती है. लेकिन अब तीसरे कमरे को हेडमास्टर इस्तेमाल कर रही हैं.