बिहार: लालू-हेमंत की मुलाकात पर सियासत तेज, BJP-JDU ने साधा निशाना
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बिहार: लालू-हेमंत की मुलाकात पर सियासत तेज, BJP-JDU ने साधा निशाना

जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि झारखंड में नई सरकार बनने से पहले ही जेल मैनुअल की जिस तरह से धज्जियां उड़ रही हैं. उससे बिल्कुल साफ है कि आने वाले समय में किस कदर लालू यादव का दबाव सरकार पर होगा.

लालू यादव से गुरुवार को हेमंत सोरेन ने रिम्स में मुलाकात की. (फाइल फोटो)

पटना: झारखंड के भावी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अभी शपथ लेने में दो दिन बाकी है. लेकिन गुरुवार को हेमंत सोरेन की आरेजडी प्रमुख से हुई मुलाकात के बाद झारखंड से लेकर बिहार तक की सियासत गरमा गई है. विपक्ष इसको लेकर जहां हमलावर है तो वहीं, सत्ता पक्ष बचाव करते नजर आ रहे हैं.

दरअसल, गुरुवार को हेमंत सोरेन ने लालू यादव से रिम्स में मुलाकात की. साथ ही कई नेता भी आरजेडी प्रमुख से मिले, लेकिन इन मुलाकातों की एंट्री कागजों पर नहीं की गई. यहां तक की वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने भी इन लोगों को रोकने का प्रयान नहीं किया है. इसको लेकर जेडीयू और बीजेपी हमलावर हो गए.

जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि झारखंड में नई सरकार बनने से पहले ही जेल मैनुअल की जिस तरह से धज्जियां उड़ रही हैं. उससे बिल्कुल साफ है कि आने वाले समय में किस कदर लालू यादव का दबाव सरकार पर होगा. जेल के साथ हेमंत सोरेन के पिता का गहरा रिश्ता रहा है. आने वाले समय में जो परिस्थितियां हैं, उसमें झारखंड को एक ऐसी सरकार का सामना करना पड़ेगा, जहां कानून व्यवस्था और जेल मैनुअल का कोई मायने नहीं रखेगा.

वहीं, लालू- हेमंत की मुलाकात पर बीजेपी एमएलसी सच्चिदानंद राय ने तंज कसते हुए कहा कि अब झारखंड में लालू यादव की अपनी सरकार बन गई है. अब जो चाहें वह करेंगे. 15 वर्ष जब बिहार में लालू यादव का राज था, तब कानून का कोई नियम नहीं माना गया.

बीजेपी नेता ने कहा कि बेउर जेल सचिवालय बना हुआ था. सजायाफ्ता मुजरिम सचिवालय चला रहा था. रांची जेल से सचिवालय चलाने की स्थिति लालू यादव की नहीं है. क्योंकि आरजेडी का एक ही विधायक हैं. सच्चिदानंद राय ने कहा कि घर और जेल में लालू यादव के लिए अब कोई अंतर नहीं है. लालू यादव बीमार हैं लेकिन राजनीतिक काम करने के लिए वह बिल्कुल फिट हैं.
 
जेडीयू और बीजेपी के बयान आने के बाद आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने मोर्चा संभाल लिया. उन्होंने कहा कि चार-पांच लोग लालू यादव से मिलने गए तो यह दरबार नहीं माना जाएगा. क्योंकि लालू यादव के दरबार का मतलब 100 से 400 लोग होता है. दो-चार लोग मिल ही लिए तो क्या लालू यादव नरेंद्र मोदी के लिए बैठकर साजिश कर रहे हैं. 

शिवानंद तिवारी ने कहा कि जो लोग जेल मैनुअल की बात कर रहे हैं. वह लोग संविधान में यकीन नहीं करते हैं. संविधान सबसे पवित्र ग्रंथ है. जेल मैनुअल से उसकी तुलना नहीं हो सकती. ये संविधान में यकीन करने वाले लोग नहीं है, जो लालू यादव को जेल में मैनुअल पढ़ा रहे हैं. बता दें कि जेल मैनुअल के मुताबिक, लालू यादव से मुलाकात के लिए शनिवार का दिन रखा गया है.