झारखंड में खुला माटी कला का पहला प्रशिक्षण केंद्र, कुम्हारों को दी जाएगी ट्रेनिंग
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झारखंड में खुला माटी कला का पहला प्रशिक्षण केंद्र, कुम्हारों को दी जाएगी ट्रेनिंग

यहां कुम्हारों को पारम्परिक के साथ-साथ मॉडर्न तरीके से मिट्टी की कलाकृति बनाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा.

झारखंड में खुला माटी कला का पहला ट्रेनिंग सेंटर.

मदन सिंह, रांची : झारखंड में कुम्हार जाति की पारम्परिक कला विलुप्त होती जा रही है, इस कारण इस कला से जुड़े लोगों को रोजगार के व्यापक अवसर नहीं मिलते हैं. सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए 2016 में माटी कला बोर्ड का गठन किया. माटी कला बोर्ड द्वारा झारखंड की राजधानी रांची में माटी कला का पहला प्रशिक्षण केंद्र खोला गया. इसका उद्घाटन बोर्ड के अध्यक्ष श्रीचंद प्रसाद और सांसद राम टहल चौधरी ने दीप जलाकर किया. इस मौके पर विधायक विकास मुंडा भी मौजूद थे. 

रांची के बुंडू में पहला प्रशिक्षण केंद्र खोला गया है. यहां कुम्हारों को पारम्परिक के साथ-साथ मॉडर्न तरीके से मिट्टी की कलाकृति बनाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा.

जिस जगह पर प्रशिक्षण केंद्र खोला गया है वहां पहले से ही मिट्टी के उत्तम दर्जे का टेराकोटा का काम होता है. इस कलाकृति की राज्य में ही नहीं, पूरे देश में ही काफी मांग है. रेशमा दत्ता को बोर्ड ने प्रशिक्षक चुना है, जिनकी मिट्टी की कला देखते ही बनती है. कुम्हारों को अगर सही ढंग से प्रशिक्षण मिले तो बेहतर कलाकृति से उनकी आमदनी तो बढ़ेगी ही साथ ही मिट्टी की कला फिर से जिवंत भी हो जायेगी.

पशिक्षण केंद्र खोलने के लिए क्षेत्र के विधायक और सांसद ने बोर्ड के प्रति आभार प्रकट किया है. विधायक ने कहा कि बुंड़ू एनएच-33 के किनारे स्थित है. इस कारण हाईवे पर भी यहां की कलाकृतियों का स्टॉल लगाया जाएगा, जिससे इस राजमार्ग से गुजरने वाले देश के विभिन्न हिस्सों के लोग यहां की कलाकृति को खरीदेंगे, इसका फायदा कलाकारों को होगा.