देवघर: स्कूल ने जारी किया 'पहले आओ पहले जगह पाओ का फरमान', तो शुरू हुआ विवाद
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देवघर: स्कूल ने जारी किया 'पहले आओ पहले जगह पाओ का फरमान', तो शुरू हुआ विवाद

देवीपुर प्लस टू हाई स्कूल (Devipur Plus Two High School) ने अपने यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक चौंकाने वाला फरमान जारी कर कहा है कि पहले आओ तो क्लास पाओ नहीं तो वापसी घर जाओ. 

 9वीं से 12वीं तक के कक्षाओं को शुरू करने का अजीबो-गरीब दिशा-निर्देश जारी (सांकेतिक फोटो)

Deoghar: झारखंड सरकार ने प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के रफ्तार धीमी होने के बाद 9वीं से 12वीं तक के कक्षाओं को शुरू करने का दिशा-निर्देश निजी व सरकारी स्कूलों को दे दिया है. इसको लेकर झारखंड शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने आवश्यक गाइडलाइन भी जारी कर दिया है.

इन सबके बीच देवघर से एक खबर सामने आ रही है कि यहां देवीपुर प्लस टू हाई स्कूल (Devipur Plus Two High School) ने अपने यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक चौंकाने वाला फरमान जारी कर कहा है कि पहले आओ तो क्लास पाओ नहीं तो वापसी घर जाओ. 

दरअसल, स्कूल ने जारी गाइडलाइन में कहा है कि जो छात्र-छात्राएं पहले आएंगे उनको कक्षा में जगह दी जाएगी और जो देर से आएंगे उनको कक्षा में जगह नहीं दी जाएगी बल्कि उसको वापस घर लौटना होगा. स्कूल द्वारा इस तरह की गाइडलाइन जारी होने के बाद से छात्रों के साथ अभिवावक भी परेशान हैं.

इस मामले में स्कूल प्रशासन और अभिवावकों के बीच ठन गई है
बता दें कि तकरीबन करीब पौने दो साल से कोरोना महामारी के चलते स्कूल बंद था. अब इस तरह के नियम के साथ स्कूल खुलने से यहां पढ़ने वाले बच्चों में काफी निराशा है. इस स्कूल में लगभग आठ से दस किलोमीटर पैदल चल कर छात्र पढ़ने आते हैं, ऐसे में थोड़ी भी देरी होने पर उनको स्कूल में एंट्री नहीं मिल पाएगी, इससे वह काफी निराश हैं. यही वजह है कि अब इस मामले को लेकर स्कूल प्रशासन और अभिवावकों के बीच ठन गई है.  

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स्कूल प्राचार्य ने बताई ये समस्या
इस मामले में विद्यालय के प्रधानाचार्य दिलीप मंडल ने बताया है कि विद्यालय में क्लास रूम कम है, जिसके कारण बच्चों को बैठने में काफी परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि बैंच डेस्क के अलावे प्रत्येक क्लास में अलग से कुर्सी भी लगाया गया है, तब पर भी कोरोना गाइडलाइन को फॉलो कर सभी बच्चों को नहीं बैठा पा रहे हैं. स्कूल प्रशासन का कहना है कि यही वजह है कि कुछ बच्चों को वापस घर भेजना पड़ता है.  

'स्कूल को सही से सैनिटाइज कर दिया गया है'
स्कूल प्राचार्य ने आगे कहा कि सरकार की ओर से जो गाइड लाइन में निर्देश दिया गया है, उसके मुताबिक सभी माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्कूल में पठन-पाठन सिर्फ चार घंटे तक ही चलेगा. साथ ही प्राचार्य ने कहा कि स्कूल परिसर, क्लास रूम, प्रयोगशाला, पुस्तकालय तथा अन्य सामान्य उपयोगिता क्षेत्रों सहित शिक्षण-प्रदर्शनों आदि के लिए निर्धारित कार्य क्षेत्र को विशेष रूप से सैनिटाइज किया गया है.

(इनपुट- दीप नारायण)

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