साहिबगंज के गंगा किनारे मुक्तेश्वर धाम घाट (Mukteshvar Dham Ghat) समेत कई घाटों पर दूर-दूर से श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं. लेकिन गंगा तट पर फैली गंदगी को देख कर निराश हो जाते हैं.
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Sahibganj: साहिबगंज (Sahibganj) के गंगा घाटों (Ganga Ghats) पर गंदगी का अंबार लगा है और यहां आने वाले लोगों को ये तस्वीरें मुंह चिढ़ा रही हैं. क्योंकि साहिबगंज झारखंड (Jharkhand) का इकलौता जिला है जहां गंगा (Ganga) बहती है और अपने 83 किलोमीटर के दायरे में यहां का गंगा जल एकदम शुद्ध है. बावजूद इसके प्राशासन की लापरवाही और बदइंतजामी के चलते यहां के गंगा घाट गंदगी से अटे पड़े हैं.
प्रशासन की नाकामी के कारण लोगों को निराशा
यहां के घाटों पर स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं और घूमने आने वाले पर्यटकों के मन में साहिबगंज को लेकर जो तस्वीर थी उसके विपरित उन्हें गंदगी के अंबार को देख कर आश्चर्य हो रहा है. श्रद्धालुओं के साथ साथ सैलानी भी प्रशासन की नाकामियों की वजह से निराश हो जा रहे हैं.
मुक्तेश्वर धाम घाट पर बड़ी संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु
साहिबगंज के गंगा किनारे मुक्तेश्वर धाम घाट (Mukteshvar Dham Ghat) समेत कई घाटों पर दूर-दूर से श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं. लेकिन गंगा तट पर फैली गंदगी को देख कर निराश हो जाते हैं. यहां के घाटों पर पिछले दिनों कई पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ था. हाल के दिनों में छठ पर्व, दीपावली, काली पूजा और अन्य शासकीय स्तर पर कार्यक्रम किए गए. लेकिन उसके बाद जिस स्तर पर गंगा तट पर सफाई अभियान चलाया जाना चाहिए था, उतनी गंभीरता के साथ गंगा तट की सफाई के लिए इस बार अभियान नहीं चलाया गया.
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जिला प्रशासन और नगर परिषद को नहीं है गंगा घाटों की फिक्र
घाटों पर जहां-तहां मूर्ति के अवशेष पड़े हुए हैं. आवारा कुत्ते गंदगी के बीच डेरा डाले हुए हैं, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के अंदर डर बना रहता है. लेकिन इन सब चीजों को देखने के लिए न तो जिला प्रशासन के पास समय है और न ही नगर परिषद अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. साहिबगंज नगरपरिषद के उपाध्यक्ष रामानंद साह मानते हैं कि गंगा तट पर गंदगी फैली हुई है. लेकिन उसकी वजह गंगा के जलस्तर में हो रही कमी है, जिससे कि गंगा के अंदर फैली गंदगी तट पर आ गई है. हालांकि इसे जल्द ही साफ कराने की बात भी कही जा रही है.' लेकिन जो लोग गंगा स्नान के लिए गंगा तट पर आ रहे हैं उनके अंदर इन गंदगी के अंबार को देखकर साहिबगंज की अच्छी छवि नहीं बन रही है.
वाराणसी के घाटों की तरह कैसे बनेंगे साहिबगंज के गंगा घाट?
साहिबगंज के गंगा घाटों को वाराणसी (Varanasi) के घाटों की तरह बनाने की योजना सरकार बना रही है. लेकिन क्या गंदगी के अंबार पर सरकार की योजनाएं सफल हो पाएंगी? या फिर गंदगी को नियमित रूप से सफाई करने की कोई मुकम्मल व्यवस्था भी सरकार की तरफ से हो पाएगी? ये सवाल अहम हैं. क्योंकि गंगा घाटों की साफ-सफाई के जरिए ही यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है.
(इनपुट-पंकज कुमार वर्मा)