खूंटी को मिल रही नई पहचान, फूल की खुशबू से महक रहे जिले में दर्जनों गांव
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1021608

खूंटी को मिल रही नई पहचान, फूल की खुशबू से महक रहे जिले में दर्जनों गांव

किसानों को पूरी उम्मीद है कि फूलों की बंपर बिक्री से अच्छी कमाई होगी. फूल की खेती के लिए बीज-पौधे उपलब्ध कराने से लेकर उत्पादित फसल को बाजार तक पहुंचाने में राज्य सरकार की एजेंसियां किसानों की मदद कर रही हैं. कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी इन्हें प्रशिक्षण और सहायता की पहल की है.

फूल की खुशबू से महक रहे जिले में दर्जनों गांव. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Ranchi: नक्सली हिंसा के लिए बदनाम रहे खूंटी जिले में दर्जनों गांव फूल की खुशबू से महक रहे हैं. जिले में इस साल लगभग दो सौ एकड़ क्षेत्र में गेंदा फूल और लेमन ग्रास की खेती हुई है. सबसे खास बात यह है कि ज्यादातर गांवों में खुशहाली की इस खेती की अगुवाई महिला किसान कर रही हैं. अभी-अभी गुजरी दीपावली में रांची, खूंटी, जमशेदपुर सहित कई शहरों में इनकी बगियों के फूल खूब बिके.

बंपर बिक्री से होगी अच्छी कमाई
आगे काली पूजा, सोहराई, छठ, क्रिसमस जैसे त्योहारों की पूरी श्रृंखला है और शादी-विवाह का मौसम भी. ऐसे में इन किसानों को पूरी उम्मीद है कि फूलों की बंपर बिक्री से अच्छी कमाई होगी. फूल की खेती के लिए बीज-पौधे उपलब्ध कराने से लेकर उत्पादित फसल को बाजार तक पहुंचाने में राज्य सरकार की एजेंसियां किसानों की मदद कर रही हैं. कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी इन्हें प्रशिक्षण और सहायता की पहल की है.

ये भी पढ़ें- झारखंड के छात्रों के लिए बड़ी खबर, JPSC मेंस परीक्षा का शेड्यूल हुआ जारी, जानें कब होगा एग्जाम

महिलाओं ने दिखाया उत्साह 
इस साल खूंटी जिले के चार प्रखंडों खूंटी, मुरहू, तोरपा और अड़की में गेंदा फूल के लगभग 15 लाख पौधे लगाए गए. झारखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और स्वयंसेवी संस्था प्रदान ने महिलाओं को फूल की खेती के तौर-तरीके बताए. उन्हें पौधे उपलब्ध कराए गए. महिलाओं ने खासा उत्साह दिखाया.

अभियान से जुड़ीं 397 महिला 
झारखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से इस साल 397 महिला किसान फूल की खेती के इस अभियान से जुड़ीं और इस दीपावली में उनके खेतों से निकले फूल शहर के बाजारों तक पहुंचे. इन्होंने लगभग 70 एकड़ क्षेत्र में फूल के पौधे लगाए हैं. इसी तरह प्रदान नामक स्वयंसेवी संस्था ने 1100 महिला किसानों को फूलों की खेती से जोड़ा.

50 लाख रुपये का होगा कारोबार!
संस्था का अनुमान है कि 170 एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्रफल में हुई फूलों की खेती की बदौलत जिले में त्योहारी मौसम में लगभग 50 लाख रुपये का कारोबार होगा. उम्मीद की जा रही है कि अगले साल फूलों की खेती करनेवाले किसानों की संख्या दोगुनी हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- मनरेगा में 75-100 प्रतिशत ज्यादा खर्च के बाद भी पूरी नहीं हुईं सवा लाख योजनाएं, दिए गए जांच के आदेश

'इसके पहले नहीं आते थे इतने नगद पैसे'
लक्ष्मी आजीविका सखी मंडल से जुड़ी लोआगड़ा गांव निवासी आरती देवी ने लगभग एक एकड़ जमीन पर फूल की खेती की है. वह कहती हैं, 'इस दुगार्पूजा और दीपावली पर हमने लगभग डेढ़ हजार से ज्यादा फूल मालाएं बाजार में बेचीं. इसके पहले किसी भी फसल की खेती से हमारे पास इतने नगद पैसे नहीं आते थे.'

'दिख रहे हैं सकारात्मक बदलाव'
खूंटी के उपायुक्त शशि रंजन का कहना है, 'गेंदा फूल और लेमन ग्रास की खेती से जिले के गांवों में जो बदलाव दिख रहा है, वह बेहद सकारात्मक हैं. हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ा जाए. इससे न सिर्फ उनकी जिंदगी बदल रही है, बल्कि जिले को भी एक नई और सकारात्मक पहचान मिल रही है.'

नक्सली हिंसा के लिए बदनाम रहा है खूंटी 
बता दें कि झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 30 किलोमीटर खूंटी नक्सली हिंसा के लिए बदनाम रहा है. 2535 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला खूंटी जिला 12 सितंबर 2007 को वजूद में आया था. जिला बनने के बाद यहां नक्सली हिंसा में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग मारे गए हैं.

माओवादियों के साथ-साथ पीएलएफआई नामक एक प्रतिबंधित आपराधिक गिरोह की हिंसा में हर साल दर्जनों हत्याएं होती हैं. पिछले कुछ वर्षों से हिंसा प्रभावित इस जिले की पहचान बदलने की कोशिश शिद्दत के साथ शुरू हुई है. फूलों की खेती इसी बदलाव की एक बानगी है.

(इनपुट- आईएएनएस)

Trending news