Bihar Lok Sabha Election Second Phase: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए शुक्रवार (26 अप्रैल) को मतदान होने वाला है. इस चरण में बिहार की पांच सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इनमें किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, पूर्णिया और बांका शामिल हैं. कटिहार में इस बार मुख्य मुकाबला मौजूदा सांसद और पूर्व सांसद के बीच है. महागठबंधन की ओर से कांग्रेस की टिकट पर तारिक अनवर मैदान में हैं, जबकि एनडीए ने जेडीयू के सिटिंग सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी पर ही भरोसा जताया है. इन दोनों के अलावा 7 अन्य कैंडिडेट गोपाल कुमार महती, विष्णु सिंह, मरंग हंसदा, राजकुमार मंडल, बिंदु कुमारी, खालिद मुबारक और ज्ञानेस्वर सोरेन भी मैदान में हैं.
कटिहार को तारिक अनवर की कर्मभूमि कहा जाता है. वह सर्वाधिक 13वीं बार कटिहार से उम्मीदवार हैं. वह वर्ष 1977 से लगातार कटिहार से ही चुनाव लड़ रहे हैं. अब-तक 12 चुनाव वह लड़ चुके हैं, जिनमें 5 बार उनकी जीत हुई है. 1980 में वह पहली बार कटिहार से सांसद बने थे. उसके बाद 1984, 1996, 1998 और फिर 2014 में भी लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. इस दौरान 7 बार शिकस्त का भी सामना करना पड़ा है. इनमें पिछली हार भी शामिल है. पिछले चुनाव की बात करें तो जेडीयू के दुलाल चंद्र गोस्वामी ने तारिक अनवर को मात्र 57,203 हजार वोटों से मात दी थी. दुलाल चंद्र को 5,59,423 वोट मिले थे तो कांग्रेस के तारिक अनवर को 5,02,220 लोगों ने वोट मिला था.
उससे पहले यहां लड़ाई बीजेपी के निखिल चौधरी और कांग्रेस के तारिक अनवर के बीच होती थी. निखिल चौधरी भी लगातार तीन बार कमल खिला चुके हैं. 1999, 2004 और 2009 में बीजेपी प्रत्याशी निखिल कुमार चौधरी को जीत हासिल हुई थी. तारिक को आखिरी बार 2014 में जीत हासिल हुई थी. 2014 में जब पूरे देश में बीजेपी की लहर चली तो इस सीट पर एनसीपी की टिकट पर तारिक अनवर ने जीत हासिल की. 28 सितंबर 2018 को तारिक ने NCP और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और 19 साल बाद कांग्रेस में वापसी कर ली.
इस सीट के सामाजिक समीकरण
पहले यह पूर्णिया जिले का हिस्सा था. कटिहार संसदीय सीट में 6 विधानसभा सीट कटिहार, मनिहारी, बलरामपुर, प्राणपुर, कदवा और बरारी सीट आती हैं. इसमें से बीजेपी के पास 2, कांग्रेस के पास 2 जबकि जेडीयू और भाकपा (माले) के पास एक-एक सीट है. इस सीट पर 18,33,009 वोटर हैं. जिसमे पुरुष मतदाता 9,54,524 और महिला वोटर की संख्या 8,78,455 हैं. जिले में वोटिंग प्रतिशत आमतौर पर 67.80 फीसदी के आसपास रहा है. जातीय समीकरण की बात करें तो यहां मुस्लिम वोटर अधिक हैं. मुस्लिम 41 प्रतिशत, 11 प्रतिशत यादव, 8 प्रतिशत सामान्य, 15 से 15 प्रतिशत वैश्य, लगभग 18 प्रतिशत पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा जबकि लगभग 7 से 8 प्रतिशत अनुसूचित जाति और जनजाति के वोटर हैं.