Prashant Kishor: ईमान ने बीपीएससी अभ्यर्थियों के संघर्ष को सही बताया और कहा कि परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने यह भी कहा कि इन अभ्यर्थियों के कंधों पर बिहार की भविष्यवाणी है और उनके साथ कोई भी अन्याय नहीं सहा जाएगा. सरकार को चाहिए कि परीक्षा को फिर से आयोजित करें और सही परिणाम घोषित करें.
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किशनगंज: बिहार की राजनीति में हलचल मचाने वाला मामला तब और गरमा गया जब जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में अनशन करने के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया. सोमवार देर रात पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. साथ ही इस घटना पर AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कड़ा रुख अपनाया और इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया. पत्रकार वार्ता में अख्तरुल ईमान ने कहा कि अगर प्रशांत किशोर को थप्पड़ मारा गया है, तो यह केवल उनका अपमान नहीं बल्कि लोकतंत्र पर हमला है. यह हरकत बेहद निंदनीय है और इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा.
सरकार पर दमनकारी नीति का आरोप
नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए ईमान ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी आवाज उठाने और आंदोलन करने का अधिकार है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता की आवाज दबाने के लिए डंडे और दमन का सहारा ले रही है. ईमान ने कहा कि बिहार सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है. अफसरशाही ने लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल दिया है. बेटियों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं और एक बेटी तो आईसीयू में भर्ती है. यह सरकार बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ के नाम पर सिर्फ दिखावा करती है.
बीपीएससी अभ्यर्थियों का समर्थन
ईमान ने बीपीएससी अभ्यर्थियों के संघर्ष को जायज ठहराते हुए कहा कि परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि इन अभ्यर्थियों के कंधों पर बिहार की व्यवस्था का भविष्य टिका है. उनके साथ अन्याय किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सरकार को चाहिए कि परीक्षा को दोबारा आयोजित करे और सही परिणाम घोषित करे.
साजिश का आरोप
अख्तरुल ईमान ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अपने चहेतों को नौकरी देने के लिए साजिश कर रही है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए परीक्षा को दोबारा लिया जाना चाहिए. AIMIM नेता ने आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी अभ्यर्थियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ अभ्यर्थियों की नहीं है, बल्कि बिहार के लोकतंत्र और न्याय की है. सरकार को जल्द से जल्द इस मसले का समाधान निकालना होगा.
इनपुट - अमित कुमार सिंह
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