'करोड़ों लोगों के लिए CAA नहीं...ये मरहम', सुशील मोदी ने गिनाए फायदे
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'करोड़ों लोगों के लिए CAA नहीं...ये मरहम', सुशील मोदी ने गिनाए फायदे

Sushil Kumar Modi: सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भारत विभाजन की त्रासदी झेलने वाले करोड़ों लोगों के लिए सीएए मोदी का मरहम है. राजद, कांग्रेस का अल्पसंखयक -प्रेम केवल धर्म-विशेष तक सीमित क्यों? उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना साम्प्रदायिक कैसे?

सुशील कुमार मोदी

Bihar Politics: बिहार पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने संसद से पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने (Sushil Kumar Modi) अपने सोशल मीडिया अकउंट एक्स पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा. इस पोस्ट में सुशील मोदी ने नागरिकता कानून के फायदे गिनाए. साथ ही राजद और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने (Sushil Kumar Modi) कहा कि पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना साम्प्रदायिक कैसे?

'त्रासदी के घावों पर मोदी का मरहम साबित होगा'
सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि इससे पड़ोसी मुस्लिम राष्ट्रों में प्रताड़ित अल्पसंखयक हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और ईसाई समुदाय के लगभग लाखों लोगों को भारत में नए सिरे से सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलना आसान होगा. यह कानून देश-विभाजन की ऐतिहासिक त्रासदी के घावों पर मोदी का मरहम साबित होगा.

इस मानवतावादी पहल का विरोध क्यों?
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि मुस्लिम-बहुल पड़ोसी देशों में लंबी प्रताड़ना और अपमान झेल कर भारत में शरण लेने को विवश लोग अब यहां राशन कार्ड बनवा कर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे और मतदाता भी बन सकेंगे. इस मानवतावादी पहल का विरोध क्यों? उन्होंने कहा कि सीएए लागू कर भाजपा ने अपना संकल्प और संविधान निर्माताओं का सपना पूरा किया, जबकि संविधान की दुहाई देने वाले राजद, कांग्रेस और वामदल केवल मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए इस कानून का विरोध कर रहे हैं.

इसमें साम्प्रदायिकता कहां है?
बीजेपी नेता सुशील मोदी (Sushil Modi) ने कहा कि जिस कानून को 4 साल पहले संसद पारित कर चुकी है, उसके क्रियान्वन को चुनाव से जोड़ कर क्यों देखा जा रहा है? इसमें साम्प्रदायिकता कहां है? उन्होंने कहा कि जिन पड़ोसी देशों में मुसलमान बहुसंख्यक हैं और सत्ता धर्मनिरपेक्षता में विश्वास नहीं करती, वहां के गैर-मुसलमान अल्पसंखयकों की पीड़ा भारत के विपक्षी दलों को क्यों नहीं दिखती? राहुल गांधी, ममता बनर्जी और लालू प्रसाद का अल्पसंखयक-प्रेम एक धर्म-विशेष तक सीमित क्यों है?

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कानून विपक्ष को काला क्यों लगता है?
पूर्व डिप्टी सीएम (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि बांग्लादेश में अपना घर-बार छोड़कर पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में शरण लिए मतुआ समुदाय के लाखों पीड़ित हिंदुओं को सीएए लागू कर भारत सरकार ने वर्षों बाद खुल कर होली मनाने का अवसर दिया. इनके सूने जीवन में रंग भरने वाला कानून विपक्ष को काला क्यों लगता है?

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