Lok Sabha Election 2024: सवर्णों को BJP, OBC को नीतीश और कुशवाहा तो दलितों को रिझाएंगे चिराग-मांझी, NDA ने रचा जातीय चक्रव्यूह
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Lok Sabha Election 2024: सवर्णों को BJP, OBC को नीतीश और कुशवाहा तो दलितों को रिझाएंगे चिराग-मांझी, NDA ने रचा जातीय चक्रव्यूह

Lok Sabha Election 2024: 'मिशन 400' के लक्ष्य को देखते हुए बीजेपी ने तो इस बार 70+ वाले बंधन को भी खत्म कर दिया है और सिर्फ उन्हीं नेताओं पर दांव खेला गया है, जो जीत की गारंटी देते हों. 

बिहार NDA

Lok Sabha Election 2024: 'अबकी बार, 400 पार' का लक्ष्य को साधने के लिए बीजेपी का पूरा फोकस उत्तर भारत पर है. इस टारगेट को हासिल करने के लिए इस बार बिहार की सभी 40 सीटों को जीतने का खाका तैयार किया गया है और इसके लिए पार्टी ने अपने सहयोगी दलों के साथ ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया है, जिसको भेद पाना महागठबंधन के लिए आसान नहीं होगा. दरअसल, बिहार की राजनीति में विकास के मुद्दों से जातिवाद ज्यादा हावी रहता है और जातीय फैक्टर ही चुनाव जीतने का सबसे बड़ा हथियार बनता रहा है. इस बार बीजेपी ने हर जाति और वर्ग को साधने का पूरा प्रयास किया है. सीटों के बंटवारे से लेकर कैंडिडेट की घोषणा तक केवल कास्ट कॉम्बिनेशन का ही ख्याल रखा गया है. 

'मिशन 400' के लक्ष्य को देखते हुए बीजेपी ने तो इस बार 70+ वाले बंधन को भी खत्म कर दिया है और सिर्फ उन्हीं नेताओं पर दांव खेला गया है, जो जीत की गारंटी देते हों. बीजेपी ने जहां सवर्णों पर फोकस किया है, वहीं नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने पिछड़ा और अति-पिछड़ा समाज को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. बीजेपी ने 60% सवर्णों को टिकट बांटे हैं. इनमें भी राजपूत समाज हावी रहा. 17 में से 5 राजपूत, दो भूमिहार, दो ब्राह्मण और एक कायस्थ समाज के नेता को टिकट मिली है. यानि 17 में से 10 कैंडिडेट सवर्ण हैं. इनके अलावा तीन यादव, एक बनिया, एक दलित, और दो अति पिछड़ा को टिकट दिया गया है. 

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वहीं जेडीयू की ओर से अपनी 16 सीटों में से 11 पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के नेताओं को टिकट दिया है. पार्टी ने सवर्ण जाति से भी 3 नेताओं को भी टिकट दिया है. इसके अलावा 1 अल्पसंख्यक और 1 अनुसूचित जाति के नेता को टिकट दिया गया है. उपेंद्र कुशवाहा भी पिछड़ा वर्ग को एनडीए की ओर लाने में अपनी पूरी ताकत लगाने में जुटे हैं. दलित और महादलित वोटबैंक को साधने के लिए चिराग पासवान और जीतन राम मांझी भी एनडीए के पक्ष में बैटिंग कर रहे हैं. बता दें कि एनडीए ने इस बार जिन सांसदों के टिकट काटे हैं, उनकी जगह उसी बिरादरी के प्रत्याशी को उतारा गया है. 

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जातिगत सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में 36 प्रतिशत अत्यंत पिछड़ा और 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग, 19 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति और 1.68 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है. प्रदेश में सवर्णों की तादाद 15.52 फीसदी है. जिनमें भूमिहार की आबादी 2.86 फीसदी, ब्रहाणों की आबादी 3.66 फीसदी, राजपूत की आबादी 3.45 फीसदी और कायस्थ 0.6011% हैं. कुर्मी की जनसंख्या 2.87 फीसदी, मुसहर की आबादी 3 फीसदी, यादवों की आबादी 14 फीसदी बताई गई है.

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