Lok Sabha Chunav 2024: बगावत पर उतरे कांग्रेस नेता प्रवेश मिश्रा, 1 तारीख को भरेंगे नामांकन, वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट का बिगड़ा सियासी गणित
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Lok Sabha Chunav 2024: बगावत पर उतरे कांग्रेस नेता प्रवेश मिश्रा, 1 तारीख को भरेंगे नामांकन, वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट का बिगड़ा सियासी गणित

Lok Sabha Chunav 2024: प्रवेश मिश्रा का कहना है कि राजद बिहार में कांग्रेस को दबाकर रखना चाहती है. बिहार की 4 सीटें ऐसी हैं, जहां पर इस बार कांग्रेस जीत सकती थी, वो सभी सीटें राजद ने अपने पास रख लिया है. वो 4 सीटें हैं: वाल्मीकिनगर, औरंगाबाद, पूर्णिया और बेगूसराय. वे कहते हैं, पूर्णिया के लिए पप्पू यादव ने कांग्रेस में अपनी जाप पार्टी का विलय कर दिया, लेकिन राजद ने उस सीट को भी हथिया लिया. 

कांग्रेस नेता प्रवेश मिश्रा हुए बागी

Valmikinagar Lok Sabha Seat: वाल्मीकिनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का राजनितिक तापमान काफी बढ़ गया है. कांग्रेस नेता प्रवेश मिश्रा बागी हो गए हैं और उन्होंने एक तारीख कों नामांकन करने का ऐलान भी कर दिया है. प्रवेश मिश्रा के बागी होने से महागठबंधन में खलबली मच गई है. अगर प्रवेश मिश्रा चुनाव मैदान में उतर जाते हैं तो राजद के प्रतयाशी दीपक यादव के लिए रास्ता मुश्किल हो सकता है. प्रवेश मिश्रा के बागी होने से भाजपा और एनडीए में भी खलबली मची है. प्रवेश मिश्रा की नजर सवर्ण वोटरों पर है और वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र में सवर्ण वोटर बहुतायत में हैं. 

2020 में वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने प्रवेश मिश्रा को चुनाव मैदान में उतारा था. उस समय तत्कालीन सांसद वैद्यनाथ महतो के निधन के बाद वहां उपचुनाव हो रहे थे. जनता दल यूनाइटेड ने तब वैद्यनाथ महतो के बेटे सुनील कुमार को टिकट दिया था. इस चुनाव में प्रवेश मिश्रा ने सुनील कुमार को कड़ी टक्कर दी थी और प्रवेश मिश्रा महज 22 हजार वोटों के अंतर से चुनाव हारे थे. प्रवेश मिश्रा कों 3,81,000 वोट मिले थे तो सुनील कुमार को 4,03,000 वोट हासिल हुए थे. 

2024 में महागठबंधन के सीट बंटवारे में यह सीट राजद के खाते में चली गई है. राजद ने इस सीट से तिरुपति शुगर लिमिटेड के एमड़ी दीपक यादव को मैदान में उतारा है. इसी के चलते प्रवेश मिश्रा नाराज हो गए हैं और बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. प्रवेश मिश्रा क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान भी चला रहे हैं. वे अब तक 13 में से 9 ब्लॉक में जनसंपर्क कर चुके हैं.

प्रवेश मिश्रा कहते हैं, टिकट बटवारे में राजद ने कांग्रेस से हकमारी की है. और तो और भाजपा से आये दीपक यादव को अपना प्रत्याशी बना दिया है. दीपक यादव हरियाणा के रहने वाले हैं. राजद ने एक व्यवसायी को टिकट दिया है, जिससे मुस्लिम समाज में आक्रोश है. उनका कहना है कि सवर्ण बहुल इलाके में राजद को ब्राम्हणों को दरकिनार करना महंगा साबित होने वाला है. 

प्रवेश मिश्रा का कहना है कि राजद बिहार में कांग्रेस को दबाकर रखना चाहती है. बिहार की 4 सीटें ऐसी हैं, जहां पर इस बार कांग्रेस जीत सकती थी, वो सभी सीटें राजद ने अपने पास रख लिया है. वो 4 सीटें हैं: वाल्मीकिनगर, औरंगाबाद, पूर्णिया और बेगूसराय. वे कहते हैं, पूर्णिया के लिए पप्पू यादव ने कांग्रेस में अपनी जाप पार्टी का विलय कर दिया, लेकिन राजद ने उस सीट को भी हथिया लिया. 

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उन्होंने कहा, मैं एक स्वाभिमानी कांग्रेसी कार्यकर्ता हूं और कांग्रेस के साथ ऐसी हकमारी नहीं देख सकता. क्षेत्र की जनता मुझे चुनाव लड़ने का आशीर्वाद दे रही है और मैं एनडीए और महागठबंधन दोनों के उम्मीदवारों को हराने के लिए जी जान से लड़ूंगा. मैं इसी भूमि का पुत्र हूं, जबकि राजद और भाजपा के उम्मीदवार वाल्मीकिनगर के लिए बाहरी हैं. पेशे से पत्रकार रहे प्रवेश मिश्रा राजनीति में राहुल गांधी की खोज रहे हैं. वह मृदुभाषी व्यवहारकुशल व्यक्तित्व के धनी हैं. 

वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र की डेमोग्राफी की बात करें तो यहां करीब 2.5 लाख मुस्लिम आबादी है. 2,40,000 के करीब सवर्ण वोटर हैं.

बेतिया से धनंजय द्विवेदी की रिपोर्ट

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