Jharkhand Politics: गीता कोड़ा के बीजेपी में जाते ही कोल्हान का सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल चुका है. अब इस क्षेत्र की दोनों लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा हो गया है. इसके साथ ही बीजेपी को चाईबासा सीट से अपना उम्मीदवार भी मिल गया है. वहीं इंडिया ब्लॉक से अब इस सीट की दावेदारी किसे मिलेगी, ये बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
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CM Champai Soren On Geeta Koda: लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड में कांग्रेस बड़ा झटका लगा है. यहां कांग्रेस की इकलौती सांसद गीता कोड़ा ने सोमवार (26 फरवरी) को बीजेपी का दामन थाम लिया. गीता कोड़ा के पाला बदलते ही विपक्षी गठबंधन (INDIA) के अंदर राजनीतिक मोर्चा संभालने की कवायद तेज हो गई है. इस पर अब मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गीता कोड़ा के बीजेपी में जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने तो इसे अच्छी बात कहा. उन्होंने कहा कि कोल्हान प्रमंडल पहले से अच्छा होगा और मजबूती आएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला था. इस बार दोनों लोकसभा सीट भी गठबंधन जीतेगी.
वहीं गीता कोड़ा के बीजेपी में जाते ही कोल्हान का सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल चुका है. अब इस क्षेत्र की दोनों लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा हो गया है. इसके साथ ही बीजेपी को चाईबासा सीट से अपना उम्मीदवार भी मिल गया है. वहीं इंडिया ब्लॉक से अब इस सीट की दावेदारी किसे मिलेगी, ये बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. जब मुख्यमंत्री चंपई सोरेन से यही सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि गठबंधन के अंदर ये तय होगा कि कौन लड़ेगा. वहीं कांग्रेस ने भी गीता कोड़ा के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने की बात कही. कांग्रेस विधायक दल के नेता और झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि मीडिया में गीता कोड़ा के जाने की बात बहुत पहले से ही चल रही थी, आज वो चली गईं. उनके जाने से कांग्रेस फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का पश्चिमी सिंहभूम सीट कांग्रेस का था और उनका आगे भी दावा बनता है.
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बता दें कि गीता कोड़ा, झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी हैं. वह 2009 से 2019 तक 2 बार विधायक रह चुकी हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को शिकस्त दी थी. गीता ने लक्ष्मण गिलुवा को 72,155 वोटों से हराया था. वह लोकसभा में पहुंचने वाली पहली महिला आदिवासी सांसद बनी थीं. इससे पहले साल 2009 के लोकसभा चुनाव में गीता कोड़ा के पति मधु कोड़ा यहां से निर्दलीय सांसद बने थे.
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पश्चिमी सिंहभूम लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा की सीटें है. विधानसभा की 6 सीट में से 5 विधानसभा सीट पर जेएमएम का कब्जा है जबकि एक मात्र सीट कांग्रेस के पास है. यही वजह है कि इस सीट पर गीता कोड़ा के पाला बदलने के बाद भी रोमांचक लड़ाई तय है. लोकसभा सीटों की बात करें तो इस क्षेत्र की जमशेदपुर संसदीय सीट से बीजेपी आसानी से जीतती रही है. अब गीता कोड़ा के जरिए सिंहभूम सीट पर भी बीजेपी को बड़ा चेहरा मिल गया है.