Bihar Politics: सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन में शामिल दलों के कैंडिडेट भी लालू ही सेलेक्ट कर रहे हैं मतलब किसे-कहां से चुनाव लड़ना है, सबकुछ लालू यादव ही तय कर रहे हैं. इस बार लालू की रणनीति में एक और बड़ा बदलाव दिख रहा है.
Trending Photos
Bihar Politics: लोकसभा चुनाव में एनडीए का मुकाबला करने के लिए महागठबंधन इस बार बिल्कुल नई रणनीति के साथ मैदान में उतर रहा है. पिछले चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था, इसलिए इस बार महागठबंधन को राजद अध्यक्ष लालू यादव लीड कर रहे हैं. उनकी लीडरशिप इतनी सख्त है कि सीट शेयरिंग से लेकर कैंडिडेट की घोषणा तक सबकुछ उनके अनुसार ही हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन में शामिल दलों के कैंडिडेट भी लालू ही सेलेक्ट कर रहे हैं मतलब किसे-कहां से चुनाव लड़ना है, सबकुछ लालू यादव ही तय कर रहे हैं. इस बार लालू की रणनीति में एक और बड़ा बदलाव दिख रहा है.
राजद अध्यक्ष ने पहले चरण के चार उम्मीदवारों के साथ-साथ करीब दर्जनभर सीटों पर अपने कैंडिडेट को सिंबल बांट रखा है. लालू यादव ने इस बार गया से कुमार सर्वजीत, नवादा से श्रवण कुशवाहा, औरंगाबाद से अभय कुशवाहा और जमुई से अर्चना रविदास को उतारा है. इनके अलावा पाटलिपुत्र से डॉ. मीसा भारती, सारण से रोहिणी आचार्य, मुंगेर से अनीता देवी, बांका से जय प्रकाश नारायण, पूर्णिया से बीमा भारती, उजियारपुर से आलोक मेहता, मधुबनी से अली अशरफ फातमी, बक्सर से सुधाकर सिंह को सिंबल दे दिया है. इनमें से कुछ लोगों को आधिकारिक तौर पर सिंबल दिए गए हैं, जबकि कुछ के नाम अब तक घोषित नहीं हैं.
ये भी पढ़ें- बिहार में 2014 और 2019 से भी दयनीय स्थिति में पहुंची कांग्रेस,देखिए कैसे गिरा ग्रॉफ?
जहानाबाद से सुरेंद्र यादव, गोपालगंज से सुरेंद्र राम, सिवान से अवध बिहारी चौधरी, दरभंगा से ललित यादव, वैशाली से मुन्ना शुक्ला, हाजीपुर से शिवचंद्र राम जैसे नेताओं के नाम करीब-करीब तय है. इस लिस्ट में 'MY' को कोई खास तवज्जो नहीं दी गई है, जबकि पहले यही समीकरण हावी रहता था. इस लिस्ट को देखें तो साफ जाहिर है कि लालू यादव अपने परंपरागत वोटबैंक 'MY' से हटकर तेजस्वी यादव के 'BAAP' पर फोकस कर रहे हैं. दूसरी ओर कांग्रेस ने भी मंगलवार (2 अप्रैल) को अपनी 3 सीटों पर कैंडिडेट उतार दिए हैं. इनमें से 2 सीटों (कटिहार और किशनगंज) पर मुस्लिम नेताओं को टिकट मिला है. कटिहार से तारिक अनवर तो किशनगंज से सिंटिंग सांसद मोहम्मद जावेद पर भरोसा जताया गया है.
ये भी पढ़ें- Congress Candidate List: कांग्रेस ने 3 में से 2 सीटों पर मुस्लिम नेताओं को उतारा, देखें उनका पिछला रिजल्ट
सियासी जानकारों का कहना है कि बिहार में जातिवाद का फैक्टर हमेशा से बहुत अहम रहा है. लालू यादव की पार्टी को 'MY' यानी 'मुस्लिम-यादव' का टैग लगा हुआ है. पिछले लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन को 56% यादवों और 65% मुस्लिमों का वोट मिला था. हालांकि, इस वोटबैंक को छोड़कर अन्य जातियों को लुभाने में महागठबंधन नाकाम रहा था. एनडीए की प्रचंड जीत का सबसे बड़ा कारण भी यही था. इन आंकड़ों को देखते हुए ही तेजस्वी यादव अपनी पार्टी को 'MY' से बाहर निकालने की कोशिश लगे हुए हैं. इस बार टिकट वितरण में भी दलित और महादलित पर फोकस किया गया है. वहीं कांग्रेस मुसलमानों को साधकर रखेगी. सियासी पंडितों का कहना है कि लालू का मानना है कि मुस्लिम-यादव उनके गठबंधन को ही वोट करेगा, बस अब एनडीए के वोटबैंक को तोड़ने पर फोकस किया जा रहा है.