Lok Sabha Election 2024 Madhubani Seat: बाढ़-बेरोजगारी हैं मधुबनी सीट के बड़ी समस्याएं, सबसे बड़ी जीत के बाद भी BJP को हैट्रिक का इंतजार
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Lok Sabha Election 2024 Madhubani Seat: बाढ़-बेरोजगारी हैं मधुबनी सीट के बड़ी समस्याएं, सबसे बड़ी जीत के बाद भी BJP को हैट्रिक का इंतजार

Madhubani Seat Profile: 2019 में एनडीए से बीजेपी के अशोक यादव को सबसे बड़ी जीत हासिल हुई थी. उनका मुख्य मुकाबला महागठबंधन से वीआईपी के प्रत्याशी बद्री कुमार पूर्वे से था लेकिन कांग्रेस के बागी शकील अहमद ने मुलाबले को त्रिकोणीय बना दिया था. यही वजह है कि अशोक यादव को 4,54,940 वोटों के विशाल अंतर से जीत हासिल हुई थी. 

मधुबनी लोकसभा सीट

Madhubani Seat Profile: लोकसभा चुनाव 2024 में अब महज सिर्फ दो से ढाई महीने का वक्त बचा है. उसके बाद एक बार फिर से जनता को अपने सांसदों को चुनने का मौका मिलने वाला है. चुनाव से पहले हम आपको बिहार की सीटों के चुनावी मुद्दों की जानकारी दे रहे हैं. इस कड़ी में आज मधुबनी सीट की जानकारी दे रहे हैं. मधुबनी के बारे में कहते हैं कि पग पग पोखरि, माछ-मखान, मीठी बोली, मुंह में पान... एहि है मधुबनी की पहिचान. बिहार की चर्चित मधुबनी सीट से इस बार किसे किस पार्टी से टिकट मिलेगी और कौन सांसद बनेगा, ये भविष्य की गर्त में छिपा है. लेकिन इससे पिछले चुनाव का इतिहास जानना बहुत जरूरी है. 2019 में एनडीए से बीजेपी के अशोक यादव को सबसे बड़ी जीत हासिल हुई थी. उनका मुख्य मुकाबला महागठबंधन से वीआईपी के प्रत्याशी बद्री कुमार पूर्वे से था लेकिन कांग्रेस के बागी शकील अहमद ने मुलाबले को त्रिकोणीय बना दिया था. यही वजह है कि अशोक यादव को 4,54,940 वोटों के विशाल अंतर से जीत हासिल हुई थी. 

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इस सीट के सामाजिक समीकरण

मधुबनी जिला में दो लोकसभा क्षेत्र झंझारपुर और मधुबनी है. जिले के दोनों लोकसभा में कुल मतदाता 32,80,567 है जिसमें पुरुष मतदाता 17,12,959 और महिला मतदाता 15,67,440 है. थर्ड जेंडर मतदाता 168 है. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं- हरलाखी, बेनीपट्टी, बिस्फी, मधुबनी, जाले और केवटी. जाले और केवटी विधानसभा दरभंगा जिला से हैं जो मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में आते हैं. 

इस सीट के चुनावी मुद्दे

मधुबनी लोकसभा क्षेत्र बाढ़ सुखाड़ से प्रभावित रहा है. हर साल आने वाली बाढ़ से मधवापुर, बेनीपट्टी और बिस्फी प्रखण्ड के लोग तबाही का दंश झेलते रहते हैं. नेपाल से बहने वाली धौंस नदी और अधवारा समूह की नदियां तबाही मचाती है और फसल सहित जानमाल की भारी क्षति पहुंचाती है. कई इलाके में आज भी चचरी पुल के सहारे जिंदगी कट रही है. जिले के सकरी लोहट रैयाम चीनी मिल बन्द पड़ा है. पंडौल सुता मिल खंडहर में ताब्दिल हो चुका है. बिस्फी में कवि कोकिल विद्यापति डीह नहीं बन सका. पर्यटक केंद्र, उच्चैठ के कालिदास डीह का विकास नहीं हो सका. बेनीपट्टी अनुमंडल रेलवे लाइन से अछूता है. 

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कौन-कौन लड़ सकता है चुनाव?

2024 के चुनाव में एनडीए प्रत्याशी अशोक यादव की चर्चा है वहीं महागठबंधन से अब्दुल बारी सिद्दीकी सहित कुछ और नामों की चर्चा है. झंझारपुर के पूर्व विधायक और कद्दावर नेता गुलाब यादव भी लोकसभा चुनाव में उतरकर मुकाबला को दिलचस्प बना सकते हैं. गुलाब यादव का जिले की राजनीति में खासा असर देखा जा रहा है. जिला परिषद अध्यक्ष पद पर उनकी पुत्री बिन्दु गुलाब यादव काबिज हैं. वहीं एमएलसी पद पर पत्नी अम्बिका गुलाब यादव हैं. आए दिन जिले की राजनीति में उनकी अहम भूमिका देखी जा रही है. कहा जा रहा है कि गुलाब यादव को अगर किसी पार्टी से टिकट नहीं मिली तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. 

रिपोर्ट- बिन्दु भूषण ठाकुर

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