बिहार में NDA के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने सरकार गठन का दावा पेश किया था. बिहार में 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. इस दौरान नीतीश कैबिनेट के 8 मंत्रियों ने भी शपथ ली है. जिसमें जदयू, भाजपा और हम के कोटे से मंत्री शामिल किए गए हैं.
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Bihar Politics: बिहार में NDA के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने सरकार गठन का दावा पेश किया था. बिहार में 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. इस दौरान नीतीश कैबिनेट के 8 मंत्रियों ने भी शपथ ली है. जिसमें जदयू, भाजपा और हम के कोटे से मंत्री शामिल किए गए हैं. वैसे बिहार में जातिगत जनगणना कराने वाले नीतीश कुमार के इस मंत्रीमंडल पर भी इस सर्वे का असर साफ दिख रहा है.
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नीतीश कुमार ने अपने नए मंत्रीमंडल के लिए भी इसी हिसाब से गणना की है और लोगों को यहां जगह दी है. नीतीश कुमार खुद कुर्मी जाति से आते हैं. इसके साथ ही उनके नए मंत्रीमंडल में दो भूमिहार, एक कोइरी, एक यादव, एक कुम्हार, नीतीश के अलावा कुर्मी जाति से एक और मंत्री, एक मुसहर और एक राजपूत को जगह दी गई है.
नीतीश मंत्रीमंडल में विजय कुमार सिन्हा और विजय चौधरी दो भूमिहार हैं, जबकि सम्राट चैधरी कोइरी जाति से आते हैं. बिजेंद्र यादव यदुवंशी समाज से तो वहीं डा. प्रेम कुमार कुम्हार जाति से आते हैं. श्रवण कुमार भी कुर्मी हैं और नीतीश कुमार भी कुर्मी हैं. जबकि संतोष सुमन मुसहर जाति से आते हैं जो जीतन राम मांझी के सुपुत्र हैं. इसके अलावा राजपूत समाज से सुमित सिंह को इस कैबिनेट में जगह दी गई है.
अब एक बार पार्टी के हिसाब से देखें की नीतीश के कैबिनेट में किस पार्टी की कितनी हिस्सेदारी रही है. बता दें कि बिजेंद्र यादव, विजय चौधरी और श्रवण कुमार जदयू से हैं जिन्हें कैबिनेट में जगह मिली है. प्रेम कुमार, विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी तीनों भाजपा के नेता हैं. संतोष सुमन हम के नेता हैं. ऐसे में नीतीश कुमार के नए कैबिनेट में बिहार के जातीय सर्वेक्षण का पूरा असर देखने को मिल रहा है.