Pappu Yadav News: पूर्णिया से निर्दलीय नामांकन करने के बाद पप्पू यादव ने एक और बड़ा खुलासा किया है. उनकी तरफ से अब कहा जा रहा है कि उन्होंने कांग्रेस में अपनी पार्टी के विलय की सिर्फ घोषणा की थी, पेपर वर्क अभी नहीं हुआ है.
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Pappu Yadav News: कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने आखिरकार साफ कर दिया है कि वह पूर्णिया सीट से अपनी उम्मीदवारी नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ट्वीट करके कहा कि पूर्णिया के सम्मान में... आपका पप्पू मैदान में... अहंकार टूटेगा... पूर्णिया जीतेगा... बता दें कि महागठबंधन में राजद सुप्रीमो पूर्णिया सीट को अपने पास रखा है और यहां से बीमा भारती को मैदान में उतारा है. वहीं पप्पू यादव यहां से लड़ना चाहते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उन्होंने इसी शर्त पर अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कराया था. हालांकि, जब उन्हें सीट नहीं मिली तो उन्होंने निर्दलीय पर्चा भर दिया. कांग्रेस पार्टी लगातार उनसे नामांकन वापस लेने की अपील करती रही लेकिन अब पप्पू यादव ने साफ कर दिया है कि वह पीछे नहीं हटेंगे.
पूर्णिया से निर्दलीय नामांकन करने के बाद पप्पू यादव ने एक और बड़ा खुलासा किया है. उनकी तरफ से अब कहा जा रहा है कि उन्होंने कांग्रेस में अपनी पार्टी के विलय की सिर्फ घोषणा की थी, पेपर वर्क अभी नहीं हुआ है. मतलब तकनीकी तौर पर पप्पू यादव कांग्रेस के सदस्य नहीं हैं और वो जो कुछ भी करना चाहें, उसमें कांग्रेस किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई का स्कोप नहीं है. उधर राजद प्रत्याशी बीमा भारती भी अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. पप्पू यादव के रुख को देखते हुए उन्होंने आनन-फानन में नोमिनेशन दाखिल किया और उसमें तेजस्वी यादव को बुलाकर अपनी ताकत का भी प्रदर्शन कर दिया.
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वहीं पप्पू यादव की दावेदारी से अब सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. इससे सवाल ये है कि इससे किसको फायदा मिलेगा. वहीं पप्पू यादव को लेकर अब एनडीए को महागठबंधन पर हमला बोलने का नया मुद्दा मिल गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने नवादा रैली से नाम लिए बिना इस मुद्दे पर महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा था. पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में तो इंडी गठबंधन में सीटों पर कैंडिडेट्स को लेकर ही सिर फुटौव्वल मचा है. गठबंधन एक उम्मीदवार किसी सीट पर खड़ा करता है, तो दूसरा नेता भी उसी सीट पर दावा ठोंक देता है. और खुद को असली नेता बता है. यहां को कैंडिडेट्स को लेकर ही घमासान मचा है.
उधर सियासी जानकारों का भी कहना है कि ऐसा होने पर एनडीए के उम्मीदवार कुशवाहा को फायदा होगा. पिछले लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखें तो यहां से जेडीयू के संतोष कुमार कुशवाहा ने कांग्रेस उम्मीदवार उदय सिंह को हराया था. कुशवाहा को इस सीट पर 6,32,924 वोट मिले हुए थे. कांग्रेस उम्मीदवार उदय सिंह को 3,69,463 वोट मिले थे. 18 हजार से ज्यादा लोगों ने NOTA का बटन दबाकर उम्मीदवारों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की थी. इस तरह से कुशवाहा को 2,63,461 वोटों से जीत हासिल हुई थी. 2014 के चुनाव में भी जेडीयू के संतोष कुमार कुशवाहा ने बीजेपी उम्मीदवार उदय सिंह को 1,16,669 वोटों से हरा दिया था. जेडीयू उम्मीदवार संतोष कुमार कुशवाहा को 2014 लोकसभा चुनाव में 4,18,826 वोट मिले हुए थे. बीजेपी के उम्मीदवार उदय सिंह को 3,02,157 वोट मिले हुए थे.