कभी लालू यादव के राइट हैंड हुआ करते थे पप्पू यादव, सिर्फ एक सवाल ने बढ़ा दी थी दूरियां
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कभी लालू यादव के राइट हैंड हुआ करते थे पप्पू यादव, सिर्फ एक सवाल ने बढ़ा दी थी दूरियां

Bihar Politics: पप्पू यादव और लालू प्रसाद यादव के बीच दूरियों की नींव इतनी गहरी पड़ी की पप्पू यादव ने बिहार में लालू यादव के सियासी प्रभाव को खत्म करने में पूरी ताकत लगा दी. खुद की पार्टी बनाई, चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी.

लालू यादव और पप्पू यादव

Bihar Politics: 5 अप्रैल, साल 2015 रविवार का दिन, जब लालू प्रसाद यादव और पप्पू यादव में दूरियां बढ़ने की नींव पड़ी. यह नींव इसलिए पड़ी की उस वक्त लालू यादव के राइट हैंड माने जाने वाले पप्पू यादव ने एक ऐसा सवाल पूछ लिया, जो राजद प्रमुख को नागवार गुजरा और वह कोप गए. इसके बाद दोनों के बीच दूरियों की नींव इतनी गहरी पड़ी की पप्पू यादव ने बिहार में लालू यादव के सियासी प्रभाव को खत्म करने में पूरी ताकत लगा दी. खुद की पार्टी बनाई, चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. अब वक्त का पहिए किस तरह से घुमता है, देखिए वही पप्पू यादव आज लालू प्रसाद यादव का फिर से गुणगान करने लगे हैं और अपनी सियासत को जिंदा रखने के लिए खुद की पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया है. 

अब आपके मन में ये ख्याल आ रहा होगा कि आखिर वह सवाल क्या था, जिसकी वजह से लालू प्रसाद यादव और पप्पू यादव के रिश्तों में खटास आ गई थी. चलिए आपको जानते हैं. याद करिए, 5 अप्रैल, साल 2015 रविवार को बिहार की राजधानी पटना के मौर्या होटल की उस घटना को जब राजद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए एक मंच तैयार किया गया था. मंच पर कुर्सियों की दो लाइन लगी थीं. पार्टी के बाकी नेताओं को मंच के नीचे लगी कुर्सियों पर बैठाया गया था. यहीं पर पप्पू यादव के मन में वह सवाल आता है.

खैर, आगे बढ़ते है और उस सियासी घटना की बात करते हैं. उस वक्त मंच की पहली लाइन में राजद प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे और रघुवंश प्रसाद के साथ लालू यादव खुद बैठे थे. वहीं, मंच की दूसरी लाइन में पप्पू यादव समेत कई नेता बैठे थे. इस दौरान लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव मंच के नीचे नेताओं के साथ कुर्सी पर बैठे थे. तब वह नेता नहीं बने थे. इस बैठक के दौरान लालू प्रसाद यादव से पप्पू यादव ने पूछ लिया, आपके बाद राजद का उत्तराधिकारी कौन होगा? पप्पू यादव के इस सवाल के जवाब में लालू ने तुरंत जवाब दिया, बाप का उत्तराधिकारी बेटा होता है. इसके बाद क्या था मंच के नीचे कुर्सी पर बैठे तेज प्रताप यादव स्टेज वाली कुर्सी पर आ गए और पप्पू यादव के ठीक बगल वाली कुर्सी पर बैठ गए, फिर लालू और तेज-तेजस्वी के नारे लगने लगे. लालू यादव के इस जवाब और मीटिंग में पार्टी के माहौल को देखकर पप्पू यादव के अरमानों पानी फिर गया.

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आपको वह सवाल पता चल गया, जिसकी वजह से कभी लालू यादव के राइट हैंड रहे पप्पू यादव को एक महीने के भीतर राष्ट्रीय जनता दल से बाहर निकाल दिया गया था. इस पर लालू प्रसाद यादव ने मुहर खुद लगाई थी. इसके बाद पप्पू यादव ने खुद की जन अधिकार पार्टी बनाई और चुनावी मैदान में कुद गए, लेकिन साल 2015, 2019 और 2020 के चुनाव लगातार हार मिली. अब पप्पू यादव ने कांग्रेस का दामन दाम लिया और पार्टी का विलय कर दिया. अब कहा जा रहा है कि पप्पू यादव पूर्णिया से लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे. 

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