PM मोदी ने तो नीतीश कुमार के साथ लालू यादव को भी हिला डाला, बिहार में अब मचेगी सियासी भगदड़?
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PM मोदी ने तो नीतीश कुमार के साथ लालू यादव को भी हिला डाला, बिहार में अब मचेगी सियासी भगदड़?

Bihar Politics: बिहार में कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने को ही लेकर घमासान देखने को मिल रहा था. राजद और जदयू की सरकार बीजेपी को कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने के लिए मैदान तक नहीं दे रही थी. वहीं अब पीएम मोदी ने मास्टर स्ट्रोक चल दिया है.

फाइल फोटो

Bihar Politics: आचार्य चाणक्य का जन्म भले ही बिहार में हो, लेकिन बीजेपी आलाकमान ने साबित कर दिया कि चाणक्य के राजनीतिशास्त्र के असली उत्तराधिकारी वही हैं. लालू-नीतीश की जोड़ी ने अतीत में भले ही बीजेपी को सत्ता से बाहर कर दिया हो, लेकिन अब बीजेपी के सिर्फ एक दांव से लालू-नीतीश पर राजनीति संकट मंडराने लगा है. दरअसल, मोदी सरकार ने बिहार के पूर्व सीएम जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया है. केंद्र की ओर से यह निर्णय कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से ठीक एक दिन पहले लिया गया था.

इससे पहले तक बिहार में कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने को ही लेकर घमासान देखने को मिल रहा था. राजद और जदयू की सरकार बीजेपी को कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने के लिए मैदान तक नहीं दे रही थी. वहीं अब पीएम मोदी ने मास्टर स्ट्रोक चल दिया है. अब नीतीश कुमार और लालू यादव बड़े धर्मसंकट में फंस चुके हैं. वो यह नहीं समझ पा रहे हैं कि अपने राजनीतिक गुरू को इतना बड़ा सम्मान मिलने का जश्न मनाए या फिर बीजेपी के इस कदम का भी विरोध करें. बता दें कि समाजवाद का झंडा लेकर चलने वाला हर नेता कर्पूरी ठाकुर को अपना गुरू मानता है. 

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कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने पर नीतीश कुमार ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए पीएम मोदी को भी धन्यवाद दिया है. कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर तो नीतीश कुमार की पार्टी से सांसद हैं. अब बीजेपी ने उनके पिता को सम्मान दिया है, तो उनका झुकाव बीजेपी की तरफ दिखना स्वाभाविक है. नीतीश अगर अब भी बीजेपी के विरोधी रहे तो रामनाथ को संभालना मुश्किल हो सकता है. इसी तरह से यादव के लिए भी मुसीबत खड़ी हो गई है. उनके लिए भी अपनी पार्टी में समाजवादी विचारधारा के नेताओं को रोककर रखना अब चुनौती भरा काम होगा. 

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लालू यादव ने इस पर खुशी तो जाहिर की लेकिन बीजेपी को घेरते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर को बहुत पहले ही भारत रत्न मिलना चाहिए था. इस तरह से राजद अध्यक्ष ने अपनी ही नाकामी को उजागर कर दिया, क्योंकि मोदी सरकार से पहले कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार थी. जिसमें लालू भी मंत्री थे. उस वक्त उन्होंने कर्पूरी ठाकुर के सम्मान के लिए क्या काम किए, ये अब उन्हें ही बताना पड़ेगा. वहीं पीएम मोदी के इस कदम से महागठबंधन सरकार में कराई गई जातीय गणना की धज्जियां भी उड़ गईं. 

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