कोरोना पर भारी पड़ी मां की ममता! नर्स, डॉक्टर और गार्ड की आंखों से भी छलके आंसू
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कोरोना पर भारी पड़ी मां की ममता! नर्स, डॉक्टर और गार्ड की आंखों से भी छलके आंसू

Darbhanga Samachar: यह पूरा मामला डीएमसीएच में देखने को मिला. यहां एक 5 माह के बच्चे की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर इसे भर्ती किया गया. जबकि बच्चे की मां और पिता दोनों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई. 

कोरोना पर भारी पड़ी मां की ममता!

Darbhanga: डीएमसीएच में अपने 5 माह के Corona Positive बच्चे के लिए मां का फर्ज देख हर किसी की आंखें नाम है. यहां खुद Negative होने के बाद भी मां ने 5 माह के कोरोना पॉजिटिव बच्चे को अपने सीने से लगा के रखा हैं. 

दरअसल, यह पूरा मामला DMCH में देखने को मिला. यहां एक 5 माह के बच्चे की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर इसे भर्ती किया गया. जबकि बच्चे की मां और पिता दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आई. कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पिछले दो दिनों तक बच्चे को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया. वहीं, बच्चे की मां आइसोलेशन वार्ड के बाहर रहती थी.

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इधर, पिछले दो दिनों से भर्ती अकेले बच्चे का रो-रो कर बुरा हाल था. रात भर बेटे की रोने की चीख सुन मां खुद बिलख-बिलख कर रोती थी. अंततः इस कोरोना पर मां की ममता भारी पड़ गई. हुआ यूं कि मां ने अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चे को सीने से लगाने का फैसला किया और वह जिद पर अड़ गई.

शुरुआत में डॉक्टर ने उसे काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन ममता के आगे सबकुछ भूल मां आइसोलेशन वार्ड के सुरक्षा कवक्ष को तोड़ती हुई नर्स, डॉक्टर और गार्ड के मना करने के बाद भी बच्चे के पास पहुंच उसे गोद मे ले कर स्तनपान कराने लगी. बच्चा भी मां की गोद मिलते ही मुस्कुराते हुए स्तनपान करने लगा. 

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इस तस्वीर को देख मां को रोकने वाली नर्स की आंखे भी भर आईं. वहीं, डॉक्टर और गार्ड की आंखे भी नम हो गई. अब मां कोरोना निगेटिव आने के बाद भी बच्चे को सीने से लगा, खुद  आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हो बच्चे की सेवा कर रही है. मां बिना PPE Kit पहने अपने बच्चे को सीने से लगाकर बैठी है. निश्चित रूप से मां का ऐसा प्यार देख हर कोई अचंभित है.

बता दें कि इसी डीएमसीएच में कुछ दिन पहले एक पिता की कोरोना से मौत के बाद पुत्र ने शव लेने से इनकार कर दिया था. इसके बाद एक समाजसेवी संस्था कबीर संस्था ने उस शव का अंतिम संस्कार किया. उसी डीएमसीएच में मां की ममता के चर्चें चारों तरफ हो रहे है. निश्चित रूप से संतान का स्वरूप परिस्थिति को देख बदल भी जाए, लेकिन माता-पिता हर परिस्थिति में अपनी संतान के लिए प्राण न्योछावर करने को तैयार रहते है.

(इनपुट- मुकेश कुमार)