Bihar News: गंडक नदी के किनारे बसा वाल्मीकि नगर बेहद ही खूबसूरत वादियों से घिरा हुआ है. यहां विशाल जंगल, झरने, पहाड़ और नदी है. नीतीश कुमार का वाल्मीकि टाइगर रिजर्व एक ड्रीम प्रोजेक्ट है.
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Bettiah: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को CATS की सूची में 14वां स्थान मिला. अंतराष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को नई सौगात मिली है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है.
अंतराष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर राज्य के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को नई सौगात मिली है. अब वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को पूरे देश की CATS की सूची में 14वां स्थान मिला है. इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री नंदकिशोर यादव और अश्वनी चौबे ने दी. पर्यटन के लिहाज से बिहारवासियों के लिये अच्छी खबर है.
वन निदेशक हेमकांत राय ने बताया कि आज वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के लिए खुशी का दिन है. 29 जुलाई टाइगर डे के रूप में मनाया जाता है और आज के ही दिन वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को CATS में शामिल कर लिया गया है. 2006 से 2010 के बीच वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या कुल 10 थी.
यहां साल 2018 में बाघों की गिनती की गई थी, जिसमें 33 बाघ-बाघिन और 7 शावक मिले थे। 2021 में भी बाघों की संख्या की गणना की गयी है.अब 2021 में बाघों की संख्या पांच गुनी बढ़ गई है. लगातार टाइगर रिजर्व के कर्मियों के परिश्रम से यह सम्भव हो पाया है. दिल्ली में हुए वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के एक कर्मी को सम्मानित भी किया गया.हेमकांत राय ने हमें बताया कि पर्यटकों के लिए हम लोग बहुत काम कर रहे हैं.
बाघ दिवस के अवसर पर हम सभी ने संकल्प लिया है कि बाघों की संरक्षण के लिए आम लोगों को जागरूक करेंगे और साथ ही टाइगर रिजर्व को सैलानियों के लिए विकसित किया जायेगा. वाल्मीकिनगर के प्रमंडल संख्या 2 में वन निदेशक ने कर्मियों को पुरस्कृत भी किया.
गंडक नदी के किनारे बसा वाल्मीकि नगर बेहद ही खूबसूरत वादियों से घिरा हुआ है. यहां विशाल जंगल, झरने, पहाड़ और नदी है. जो किसी का भी मन मोह ले. इसकी खूबसूरती के कारण इसको बिहार का कश्मीर भी कहा जाता है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व बिहार का मुख्य पर्यटक स्थल भी है.
दूर-दूर से लोग इसकी खूबसूरती देखने आते है. वाल्मीकिनगर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने पूरी ताकत लगा रखी है. सीएम नीतीश कुमार का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है. 5 करोड़ की लागत से 5 एकड़ में यहां रिजॉर्ट भी बनाया जा रहा है.और भी सुविधाएं यहां विकसित की जा रही है.
दरअसल, दुनिया भर में बाघों को बचाने के लिए बहुत काम हो रहे है, लेकिन सबसे ज्यादा कामयाबी भारत को मिली है. यही वजह है कि दुनिया के 70 प्रतिशत बाघ भारत में रहते हैं. इतना ही नहीं बाघों की संख्य़ा के मामले में भारत का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया जा चुका है. 1973 में देश में सिर्फ 9 टाइगर रिजर्व थे. जिनकी संख्या अब बढ़कर 50 हो गई हैं.