कोरोना के बीच प्रवासी मजदूरों की समस्या हुई हल, मास्क निर्माण से मिला रोजगार
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कोरोना के बीच प्रवासी मजदूरों की समस्या हुई हल, मास्क निर्माण से मिला रोजगार

Bettiah Samachar: जिले के मझौलिया में इन दिनों मास्क निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है, जिसमें दर्जनों लोगों को रोजगार मिल रहा है.

कोरोना के बीच प्रवासी मजदूरों की समस्या हुई हल. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Bettiah: कोरोना (Corona) की कहर के बीच प्रवासी मजदूरों के लिए अच्छी खबर है. पश्चिम चंपारण जिले में कोरोना काल में मास्क निर्माण जारी है. इसके तहत प्रवासी मजदूरों और कारीगरों को अब रोजगार का अवसर मिला है. जो लोग लॉकडाउन में घर लौटे हैं या जो पलायन कर रहे लोग हैं उन्हें रोजगार मिला है. जिले के मझौलिया में इन दिनों मास्क निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है, जिसमें दर्जनों लोगों को रोजगार मिल रहा है.

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दरअसल, वैश्विक आपदा कोविड-19 (Covid-19) के इस संकट काल में मझौलिया वार्ड नंबर 5 में दिल्ली से आए बेरोजगारों को रोजगार का अवसर मिला है. यहां दर्जन भर से अधिक कारीगरों को रोजगार देकर उनके घरों में चूल्हा जलाने का काम किया जा रहा है. तो दूसरी तरफ इस महामारी से बचाव में मुख्य भूमिका निभाने वाले मास्क का निर्माण कराकर बचाव का साधन मुहैया कराया जा है.

इसी के मद्देनजर कोरोना काल में सूती कपड़े का डबल लेयर वाला मास्क निर्माण कराया जा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि एक ओर जहां आमलोगों को मास्क उपलब्ध कराकर कोरोना से बचाव में सहायक बन रहे हैं. वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन में बेरोजगारों को रोजगार का अवसर प्रदान किया जा रहा है. ताकि गरीब परिवार को आर्थिक परेशानी से बचाव किया जा सके.

गौरतलब है कि स्नातक करने के बाद भी उन्हें रोजगार नहीं मिला. इसको लेकर आत्मनिर्भरता का परिचय देते हुए उन्होंने लोगो को रोजगार देने के उद्देश्य से आपदा को अवसर में बदलने के लिए दर्जनभर से अधिक कारीगरों के साथ आधुनिक मशीन द्वारा मास्क का निर्माण कराया जा रहा है. इसके साथ ही संचालक ने बताया कि मास्क निर्माण का ऑर्डर उन्हें अनुमंडल प्रशासन ,प्रखंड प्रशासन के साथ-साथ आम जनों द्वारा भी मिल रहा है.

वहीं, कारीगरों ने बताया कि वह दिल्ली में सिलाई का काम करते थे. लेकिन संपूर्ण लॉकडाउन के कारण भूखे मरने की नौबत आ गई और उन को मजबूरन घर लौटना पड़ा. घर पर बेरोजगारी के अभाव में भूखे मरने की नौबत आ गई. लेकिन शबनम हाई फैशन मझौलिया के संचालक असगर खान ने उनको इस आपदा के दौर में रोजगार मुहैया कराया जिससे उनके बाल बच्चों का रोजी रोटी और भोजन चल रहा है.

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संचालक असगर खान ने बताया कि मास्क निर्माण के साथ-साथ प्लाजो, लेगिंग्स ,शर्ट आदि का भी निर्माण किया जा रहा है. आगे चलकर इसका विस्तार करना है और 5 दर्जन से अधिक कारीगरों को भी शामिल करना है. उनको भी रोजगार का अवसर प्रदान किया जाए ताकि आपदा के इस दौर में सबका गुजर बसर हो सके.

बता दें कि पश्चिम चंपारण जिले में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, ऐसे में यहां मास्क की खपत ज्यादा है. बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकारी स्तर पर जिला प्रशासन ने मास्क की डिमांड तेजी से कर दी है. इससे आपदा के बीच कारीगर मजदूर इसे अवसर में बदलने के साथ मास्क का बड़े पैमाने पर निर्माण कर आमदनी का जरिया बना रहे हैं. 

(इनपुट-इमरान अज़ीज)

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