बिहार के लाल ने रचा इतिहास, तीन मिनट पहले earthquake की मिलेगी जानकारी, किया सबको हैरान..
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बिहार के लाल ने रचा इतिहास, तीन मिनट पहले earthquake की मिलेगी जानकारी, किया सबको हैरान..

भूकंप (Earthquake) की वजह से लोगों को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन अब आपको तीन मिनट पहले ही इसकी जानकारी मिल जाएगी.

बिहार के लाल ने रचा इतिहास (फाइल फोटो)

Patna: भूकंप (Earthquake) की वजह से लोगों को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन अब आपको तीन मिनट पहले ही इसकी जानकारी मिल जाएगी. चंपारण के लाल मनीष गुप्ता (Manish Gupta) ​ने एक ऐसे एप का अविष्कार किया है, जिससे आप को भूकंप की जानकारी मिल जाएगी. मनीष के इस अविष्कार की चर्चा अब पूरे देश में हो रही है. 

मनीष ने किया अविष्कार 

आईआईटी रुड़की के छात्र मनीष कुमार गुप्ता ने एक ऐसा ऐप बनाया है, जिससे भूकंप की जानकारी आप को तीन मिनट पहले ही हो जाएगी. इस एप को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लॉन्च किया है. बता दें कि उत्तराखंड भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है. 

क्या है डेवलपमेन्ट ऑफ अर्थक्विक मोबाइल एप्लीकेशन

इस मोबाइल एप्लीकेशन में भूकंप आने से पूर्व की जानकारी से लेकर मुश्किलों में फंसें होने पर भी आप की मदद करेगा. जैसे अगर नेपाल के काठमांडू में भूकंप आता है तो उसके पटना, बेतिया और दिल्ली में कितनी देर तक यह पहुंच सकता है, इसकी भी जानकारी मिल जाएगी. इसके अलावा अगर आप मलबे में फंसे हुए हैं और मोबाइल चला सकता हैं तो इस एप में एक ऐसा बटन भी है, जिसे दबाने पर रेस्क्यू टीम आपके पास पहुंच जाएगी. इसके अलावा अगर भूकंप की तीव्रता 5.5 रिक्टर से ज्यादा तब ही आप को इसकी जानकारी मिलेगी, इससे कम पर आप को इसकी कोई भी जानकारी नहीं मिलेगी. बता दें कि ये देश का पहला अर्थक्विक मोबाइल एप्लीकेशन है, जिसे किसी सरकार ने लांच किया है. उत्तराखंड की सरकार ने चार अगस्त को प्रोफेसर डॉ कमल के साथ इसे लॉन्च किया है.

जानिये कैसे बना ये एप 

आईआईटी रुड़की के छात्र मनीष गुप्ता 2019 के पासआउट है. पास आउट छात्रों को किसी ना किसी प्रोजेक्ट पर काम करना होता है. जिसके बाद मनीष ने भूकंप के प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया. जिसके बाद उन्होंने अपना प्रोजेक्ट पूरा करने के बाद उसे प्रोफेसर डॉ कमल को दे दिया था. इस एप पर होने वाले खर्च का वहन उत्तराखंड सरकार ने किया है. 

बाढ़ पर भी करना चाहते है काम 

मनीष कुमार रामनगर के नेपाली टोला के रहने वाले है. उनके पिता का नाम संजय गुप्ता है. मनीष ने बताया है कि हम बाढ़ पर भी काम करना चाहते है, जिससे बर्बादी पर रोक लगाई जा सके. ऐसे में अगर बिहार सरकार अनुमति दे तो वो इस पर काम करना चाहते हैं. वहीं, मनीष के परिजन बेटे की सफलता पर काफी ज्यादा खुश हैं.

(इनपुट: धनंजय द्विवेदी)

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