दुबई से लौटे शिक्षाविद ने बदल दी अपने गांव की तस्वीर, सैकड़ों महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर
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दुबई से लौटे शिक्षाविद ने बदल दी अपने गांव की तस्वीर, सैकड़ों महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

कोरोना के दौरान दुबई से लौटे शिक्षाविद ने इलाके में बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए रोजगार के लिए एक ऐसी संस्था बनाई है, जहां महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हे आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है.  

दुबई से लौटे शिक्षाविद ने बदल दी गांव की तस्वीर (प्रतीकात्मक फोटो)

Madhubani:आपने शाहरुख खान की फिल्म 'स्वदेश' जरूर देखी होगी. इस फिल्म में विदेश में साइंस्टिस्ट की नौकरी करने वाला शाहरुख जब अपने गांव आता है, तो वहां हालत देखकर यहां रुकने का फैसला करता है और फिर गांव के विकास में लग जाता है. कुछ ऐसी कहानी मधुबनी के पकंज झा की है. वो दुबई में पढ़ाते हैं, लेकिन कोविड समय में उनका अपने पैतृक गांव अवारी आना हुआ तो यहां गरीबी और बेरोजगारी को देखकर वो काफी विचलित हो गए. जिसके बाद उन्होंने गांव के साथ -साथ इलाके के विकास करने की ठानी और इलाके को बदल कर रख दिया. 

'गांव में लाए विकास की बयार'

गांव के विकास के लिए उन्होंने सबसे पहले एक NGO का एक गठन किया और कई सारी योजनाएं शुरू की. केसीएस फाउंडेशन का निर्माण कर पंकज ने लोगों को रोजगार देने के लिए स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम चलाया. यहां उन्होंने सैकड़ों लड़कियों को निशुल्क सिलाई मशीन का प्रशिक्षण देना शुरु किया. इसके बाद उन्होंने लड़कियों को पेंटिंग की भी ट्रेनिंग दी गई. जिसके बाद ट्रेनिंग लेकर ये महिलाएं अब अपने पैरों पर खड़ी होने लगी है.

इस शुरुआत के बाद पंकज को और ज्यादा करना का हौसला मिला और उन्होंने कोरोना पीड़ित और बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री पहुंचाने का भी काम किया. केसीएस फाउंडेशन के तहत पकंज ने इलाके के पांच हजार से अधिक परिवारों में राशन सामग्री पहुंचाई हैं.

महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर 

10 महीने तक लड़कियों को निशुल्क ट्रेनिंग देने के बाद उनके लिए रोजगार के रास्ते खुलने लगे है. अभी तक तकरीबन एक हजार लड़किया और महिलाओं ने ट्रेनिंग लेकर रोजगार हासिल किया है. जिससे ना सिर्फ वो आत्मनिर्भर हो रही है, बल्कि परिवार की आर्थिक मदद कर देश के विकास में भी अहम भूमिका भी निभा रही हैं. लड़कियों द्वारा बनाई गई मधुबनी पेंटिंग को लोकल बाजार से लेकर दुबई सहित अन्य देशों में भी भेजा जा रहा है. जिसके बाद से विदेशों में मधुबनी पेंटिग की डिमांड खूब बढ़ने लगी है. पकंज दुबई से आकर अक्सर प्रशिक्षण कार्यक्रम का खुद जायजा लेते हैं और विकास के लिए आगे की रणनीति तैयार करते रहते हैं. 

(इनपुट: बिन्दू भूषण) 

 

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