CM के सपने को चूर-चूर कर रहा स्वास्थ्य विभाग, ढाई साल बाद भी पूरा नहीं हो सका अस्पताल का निर्माण
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CM के सपने को चूर-चूर कर रहा स्वास्थ्य विभाग, ढाई साल बाद भी पूरा नहीं हो सका अस्पताल का निर्माण

लौरिया में लोगों को स्वास्थ्य जांच समेत टीके का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे कोरोना संक्रमण की आशंका बढ़ गई है.

CM के सपने को चूर-चूर कर रहा स्वास्थ्य विभाग. (फाइल फोटो)

Bettiah: पश्चिम चंपारण जिले में सीएम के सपने को स्वास्थ्य विभाग चूर-चूर कर रहा है. आलम यह है कि जिस 6 बेड के स्वास्थ्य उपकेन्द्र अस्पताल की सौगात सीएम ने लौरिया प्रखंड क्षेत्र के लोगों को दी थी उसका निर्माण ढ़ाई साल बाद भी पुरा नहीं हो सका है. इसके कारण स्थानीय लोगों में आक्रोश है.

वहीं, लौरिया में लोगों को स्वास्थ्य जांच समेत टीके का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे कोरोना संक्रमण की आशंका बढ़ गई है.

दरअसल, नरकटियागंज अनुमंडल के लौरिया प्रखंड क्षेत्र कटैया गांव से सीएम ने 2010 में अपने विकास यात्रा की शुरूआत की थी. यात्रा शुरूआत करने के साथ ही कटैया गांव पर सीएम की नजरे इनायत हुई और सीएम ने यहां स्वास्थ्य उपकेन्द्र अस्पताल बनाने का आदेश दिया. जिसको लेकर विभाग भी हरकत में आया और अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. लिहाजा ढ़ाई साल पहले इस अस्पताल का निर्माण तो शुरू हो गया लेकिन इतने दिनो में भी यह अस्पताल बन कर तैयार नहीं हुआ. 

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इधर, स्थानीय लोगो में जहां इस अस्पताल के नहीं बनने से नाराजगी है, वहीं इस अस्पताल को बनाने वाले संवेदक पैसे की कमी के साथ-साथ जमीन का विवाद और विभागीय उदासीनता को देरी की वजह मान रहे हैं.

दूसरी ओर इस अस्पताल के नहीं बनने के कारण कोरोना काल में लौरिया रेफरल अस्पताल में दवाब बढ़ गया जिसके कारण कोरोना मरीजों की जांच से लेकर टीकाकरण में भी परेशानी हो रही है.

आलम यह है कि वैक्सीनेशन की रफ्तार भी धीमी हो गई है. हालांकि, लौरिया रेफरल अस्पताल के चिकीत्सक बताते हैं कि कम संसाधन के बाद भी काम बेहतर तरीके से चल रहा है और जैसे-जैसे कोरोना की रफ्तार धीमी हो रही है, वैसे-वैसे टीकाकरण और जांच के कार्य में तेजी लाई जा रही है.

बहरहाल समझा जा सकता हैं कि 1 करोड़ 48 लाख की लागत से बनने वाले इस अस्पताल का निर्माण अगर समय से हो जाता तो कोरोना काल में यहां के लोगो के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग को भी बड़ी राहत मिलती. लेकिन विभाग की धीमी चाल ने क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के सरकार के दावों की पोल को खोल कर रख दिया है, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था गावों के लोगों को मयस्सर नहीं हो रही है.

(इनपुट- इमरान अज़ीज़)

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