Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर का एक अस्पताल बन गया अब भूतो का बसेरा, 10 साल पहले 5 करोड़ में बनकर हुआ था तैयार, अब तक नहीं हुआ उद्घाटन. अब हो गया जर्जर, बंद परे अस्पताल का टाइल्स मार्बल खिड़की चौखट तक चोर ले गए उखाड़.
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मुजफ्फरपुरः Muzaffarpur News: बिहार के खेत में बने पुल की तस्वीर दिखाने के बाद अब हम बिहार के ऐसे ही जिले के खेत में बने करोड़ों की लागत से जर्जर हो चुके अस्पताल के तस्वीर को अब हम दिखाएंगे. भले ही सरकार करोड़ रुपये खर्च कर दिए हो इस अस्पताल पर, लेकिन अब तक इस अस्पताल का उद्घाटन नहीं हो सका और अब यह भूत बंगले में तब्दील हो गया. बिहार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत हैं और हाई टेक्नोलॉजी वाले अस्पतालों का निर्माण कर उसका मंत्री के हाथों उद्घाटन करवाया जा रहा है, लेकिन मुजफ्फरपुर में एक ऐसा भी अस्पताल है, जो करीब 1 दशक पहले बनकर तैयार हो गया था, लेकिन आजतक इस अस्पताल का उद्घाटन नहीं हुआ. नतीजा आज यह है कि ये खंडहर बन चुका हैं. इलाके में लोग इसे भूतों का बंगला कहने लगे है. अस्पताल के चारों तरफ बड़े-बड़े खर पतवार उग आए है. अस्पताल में लगे टाइल्स मार्बल, चौखट, दरवाजा, ग्रिल, सब उखाड़ कर ले गये. अब इस अस्पताल के पास से गुजरने में डर लगता है.
दरअसल, हम बात कर रहे है मुजफ्फरपुर के पारू प्रखंड के सरैया पंचायत के चांदपुर चौक में बने अस्पताल की. इस अस्पताल का निर्माण भवन विभाग द्वारा किया गया था. जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर पारु के चांदपुर में 6 एकड़ जमीन में करीब 5 करोड़ की लागत से ये अस्पताल बनकर तैयार हो गया था. यह 2015 में पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया था. इसमें 30 से अधिक बेड की व्यवस्था की गई थी. तमाम उपकरण लगाए गए थे. लेकिन सब कुछ तैयार होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने इसे टेकओवर नहीं किया. वर्षों तक ये अस्पताल ऐसे पड़ा रहा, धीरे-धीरे ये चोरों और असामाजिक लोगों का अड्डा बन गया. फिर इसमें लगे बिजली के उपकरण, टाइल्स, मार्बल, चौखट, ग्रिल सब चोरी हो गए.
स्थानीय लोगों के अनुसार, जब इस अस्पताल का निर्माण हुआ था तो लोगों को उम्मीद जगी की इस इलाके में अब बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था होगी, लेकिन विभाग की लचरता से आजतक अस्पताल शुरू नहीं हुआ. इस अस्पताल में मुख्य बिल्डिंग के अलावा एक स्टाफ बिल्डिंग और एक जांच केंद्र भी बनाया गया. लेकिन आज स्थिति इतनी जर्जर है कि वहां तक पहुंचना मुश्किल है. यहां तक की क्षेत्र से जीतने वाले सांसद विधायक को जब उनके क्षेत्र में अस्पताल की सुविधा नहीं होती है तो विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में प्रश्न उठते हैं. लेकिन जब उनके क्षेत्र में करोड़ों की लागत से अस्पताल बन गए, फिर भी सांसद और विधायक वहां पर ना ही उद्घाटन के लिए आज तक आवाज उठा पाए नहीं. वहां पर कोई डॉक्टर की नियुक्ति के लिए आवाज उठाएं. जिससे वहां के लोगों में आक्रोश साफ तौर पर दिखता हुए नजर आ रहा है.
हालांकि मीडिया में आने के बाद अब जिला प्रशासन की नींद टूटी है, जिले के सिविल सर्जन, स्थानीय अंचलाधिकारी ने अस्पताल की जांच की है. मामले में मुजफ्फरपुर पश्चिमी की SDM श्रेया श्री ने बताया कि अभी इसके बारे में विशेष जानकारी नहीं है, लेकिन इसको लेकर जांच के आदेश दिये गये है.
इनपुट - मणितोष कुमार
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