फुलवारी शरीफ समेत विभिन्न जगहों पर आयोजित पीएफआई कैंप में रियाज को मास्टर ट्रेनर माना जाता है. एनआईए रियाज के परिवार वालों से पूछताछ कर रही है.
Trending Photos
पटना: राष्ट्रीय जांच एजेंसी बिहार के छह जिलों में गुरुवार सुबह से ही फुलवारी शरीफ मामले में चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े होने के सिलसिले में कई जगह छापेमारी कर रही है. दरभंगा, पटना, नालंदा, किशनगंज, अररिया और पूर्वी चंपारण जिलों में एक साथ छापेमारी की जा रही है.
एनआईए की एक टीम दरभंगा जिले के उर्दू बाजार इलाके में स्थित नूरुद्दीन जंगी के पैतृक स्थान पर उनके घर पहुंची. एक अन्य टीम ने पूर्वी चंपारण जिले के चकिया थाना क्षेत्र के कुआव गांव स्थित रियाज उर्फ मरूफ के घर में छापेमारी की. फुलवारी शरीफ समेत विभिन्न जगहों पर आयोजित पीएफआई कैंप में रियाज को मास्टर ट्रेनर माना जाता है. एनआईए रियाज के परिवार वालों से पूछताछ कर रही है.
इन दोनों जगहों के अलावा नालंदा जिले के कटरा गांव में पीएफआई के संदिग्ध सदस्य मोहम्मद असगर के घर पर छापेमारी की जा रही है. पटना में परवेज के घर एक और टीम ने छापा मारा. एनआईए की अलग-अलग टीमों ने किशनगंज और अररिया जिले में भी छापेमारी की.
पटना पुलिस ने अब तक आठ पीएफआई गुर्गो को गिरफ्तार किया है. साथ ही, दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं जो 14 जुलाई को एक दूसरे से जुड़े हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 22 जुलाई को यह मामला एनआईए को ट्रांसफर कर दिया था.
पीएफआई संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल मामले में पटना पुलिस ने सबसे पहले अतहर परवेज, मोहम्मद जलालुद्दीन और अरमान मलिक को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में तीनों ने मारगुव उर्फ दानिस और शब्बीर के नामों का खुलासा किया.
मारगुव गजवा-ए-हिंद नाम से एक सोशल नेटवर्किं ग ग्रुप चला रहा था, जिसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश के युवा शामिल हैं.जांचकर्ताओं ने दावा किया कि अतहर परवेज प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा था और उसका भाई मंजर आलम 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की गांधी मैदान रैली में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट में शामिल था.
खबर के मुताबिक, मोहम्मद जलालुद्दीन का सिमी से भी नाता है. छापेमारी के दौरान टीम ने कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए थे, जिससे पता चलता है कि गिरफ्तार किए गए लोग मुस्लिम युवकों का ब्रेनवॉश करने में शामिल थे. पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोग 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए 'मिशन 2047' पर भी काम कर रहे थे.
(आईएएनएस)