बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
मुशहरी, बोचहां और बन्दरा प्रखंडों के दो दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं. सबसे ज्यादा जिले के बन्दरा प्रखंड के बड़गांव में बाढ़ तबाही मचा रही है.
इस गांव को बाढ़ से बचाने के लिए सरकार ने टेनी बांध का निर्माण कराया था लेकिन पिछले साल पानी के दबाव में बांध टूट गया और फिर कभी इसका निर्माण कार्य नही हुआ जिससे इस इलाके में भारी तबाही मची.
वहीं, बांध की ठीक से मरम्मत न होने की वजह से इस साल भी पूरे गांव में पानी फैल गया और तबाही मचा रहा है. बड़गांव इलाके के लगभग 700 परिवार का आशियाना पानी में डूब गया है.
गांव के कुछ लोगों ने बांध पर प्लास्टिक तानकर उसके नीचे शरण ले रखी है. लेकिन यहां भी परेशानी उनका पीछा नहीं छोड़ रही है.
घर में पानी भर जाने के बाद अब लोगों के सामने भोजन, स्वच्छ पेयजल, शौचालय और पशुचारा बड़ी समस्या बन गया है.
सड़क के किनारे काले रंग की सरकारी प्लास्टिक से छोटे-छोटे तंबू बनाए गए हैं, जिनमें पूरा-पूरा परिवार अपने जानवरों के साथ रहने को विवश हैं.
ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि सरकारी सिस्टम बाढ़ से पहले बड़े-बड़े दावे करता है और तैयारियों की बात कहता है लेकिन बांधों की मरम्मत ना होने की वजह से ऐसे कई गांव है जो हर साल बाढ़ के दंश को झेलने को मजबूर है.
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