Nawada News: बिहार के नवादा में एक सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापिका को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के नियमों को पालन करना मंहगा पड़ गया. नियम का पालन करने पर प्रधानाध्यापिका से हथियार के बल पर कार्यालय में घुसकर अभिभावकों ने गाली-गलौज किया और मारपीट की.
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नवादा: Nawada News: बिहार के नवादा में एक सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापिका को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के नियमों को पालन करना मंहगा पड़ गया. नियम का पालन करने पर प्रधानाध्यापिका से हथियार के बल पर कार्यालय में घुसकर अभिभावकों ने गाली-गलौज किया और मारपीट की. इस बाबत महिला ने स्थानीय थाना में घटना की लिखित सूचना देकर प्राथमिकी दर्ज कराई है. घटना का अंजाम विद्यालय से छात्रों का नाम काटना बताया गया है.
यह घटना नवादा जिले के नेमदारगंज थाना क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पचगांवा में हुआ, जहां के प्रभारी प्रधानाध्यापिका निरंजू कुमारी के साथ मारपीट की गई. जिसको लेकर नेमदारगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. दर्ज प्राथमिकी के आलोक में बताया गया कि जब मैं अपने विद्यालय में कार्यालय में कार्य कर रही थी तो पूर्व प्रभारी संजू कुमारी के द्वारा इन लोगों को बुलाया गया. बुलाने के बाद संजू सिंह और संत शरण सिंह, डेजी कुमारी और चंद्रभूषण सिंह कार्यालय में घुसकर गाली गलौज करने लगे और कार्यालय के कागज फेंक दिए.
जब हमने कहा कि ऐसा क्यों कर रहे हैं, तो संजू सिंह और संत शरण सिंह मारपीट करने लगे. जब हल्ला हंगामा किया, तो लाठी ठंड और संजू सिंह हाथ में पिस्तौल और संत शरण सिंह के हाथ में पिस्टल था. घटना को अंजाम देने के बाद वहां से चले गए. जब मैंने अपने भाई संजय कुमार को फोन कर बुलाया तो उनको भी लाठी डंडा से मारा. संजय कुमार जान बचाकर किसी प्रकार वहां से भाग निकले. घटना के बाद नेमदारगंज थानाध्यक्ष राजीव कुमार को फोन कर घटना की जानकारी दी गई. इसके बाद थानाध्यक्ष के द्वारा दल बल के साथ पहुंचकर घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली गई.
थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. आपको बता दें कि प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने कहा कि अपर मुख्य सचिव के के पाठक के आदेश का हम पालन किए हैं. जिसके कारण ही मेरे साथ इस तरह की घटना घटी है. इस उत्क्रमित मध्य विद्यालय पंचनामा गांव में लगभग 70 बच्चों का नाम स्कूल नहीं आने पर हटा दिया गया है. जिसके कारण ही मेरे साथ इस तरह की घटना घटी है. उन्होंने कहा कि बच्चों की गार्जियन को हमने यहां तक कहा कि आप एफिडेविट करवा कर हमें दीजिए हम नाम फिर से रजिस्टर में चढ़ा देंगे. लेकिन वह नहीं सुनी और मेरे साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया है. मारपीट के दौरान मेरा पैर भी टूट गया है.
इनपुट- यशवंत सिन्हा
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