Bihar: कोरोना ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें, AIIMS में कम पड़े बेड
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Bihar: कोरोना ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें, AIIMS में कम पड़े बेड

कोरोना (Corona) मरीजों की संख्या जिस तेजी से बढ़ रही है, उसके सामने तमाम इंतजाम कम पड़ने लगे हैं. साथ हीं, हर रोज हालत बद से बदतर होती जा रही है और कोरोना का दूसरा दौर देश-दुनिया के साथ-साथ बिहार के लोगों के लिए भी मुसीबत बढ़ाता जा रहा है.

कोरोना ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Patna: कोरोना (Corona) मरीजों की संख्या जिस तेजी से बढ़ रही है, उसके सामने तमाम इंतजाम कम पड़ने लगे हैं. साथ हीं, हर रोज हालत बद से बदतर होती जा रही है और कोरोना का दूसरा दौर देश-दुनिया के साथ-साथ बिहार के लोगों के लिए भी मुसीबत बढ़ाता जा रहा है. इधर, दूर-दराज के गांवों की हालत बिगड़ती जा रही है तो वहीं राजधानी पटना की हालत भी खराब है.

अब हालत यह है कि कोरोना महामारी से लड़ाई के लिए अब इंतजामों को भी लड़ना पड़ रहा है. वहीं, पटना AIIMS को सूबे का सबसे बड़ा कोविड सेंटर बनाया गया ताकि कोरोना संक्रमितों का बेहतर इलाज हो सके. इसके लिए यहां 120 बेड बनाए गए. लेकिन, बिहार की बड़ी आबादी को देखते हुए, इसे बढ़ाकर 150 बेड कर दिया गया. इनमें 110 बेड सामान्य और 40 बेड आईसीयू (ICU) के बनाए गए.

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वहीं, इस साल अप्रैल की शुरुआत से ही जिस तरह से कोरोना ने तेज रफ्तार पकड़ी है, उसके बाद एम्स के बेड कम पड़ गए हैं. पटना एम्स में बेहतर इलाज की उम्मीद में बिहार के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं लेकिन अब मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद हर मरीज को बेड देना संभव नहीं हो पा रहा है. हालत इतनी गंभीर हो रही है कि कई मरीज इलाज की उम्मीद में फर्श पर पड़े मिल रहे हैं और करीब 10 से 20 कोरोना पॉजिटिव मरीज इलाज के बिना ही लौट रहे हैं. 

डॉक्टर ने दी सलाह
इधर, यहां के डॉक्टर कोरोना संक्रमित मरीजों को पटना के पीएमसीएच (PMCH) और एनएमसीएच (NMCH) जैसे अस्पतालों में जाने की सलाह दे रहे हैं लेकिन लोगों को लगता है कि जितना बेहतर इलाज उन्हें एम्स में मिल सकता है, वैसा किसी दूसरे अस्पताल में उपलब्ध नहीं होगा. इस संबंध में पटना एम्स के डॉक्टर प्रभाकर कुमार सिंह ने बताया कि इसी भरोसे पर मरीज फर्श पर लेटकर और तमाम कष्ट झेलकर भी बेड के खाली होने का इंतजार कर रहे हैं. एम्स में बेड मिलने की चाहत में कई बार लोग वहां मौके के इंतजार में घूम रहे है और कई बार दलालों के चक्कर में भी पड़ जाते हैं. जब मरीजों की हालत बिगड़ने लगती है तो मजबूरन दलालों के जाल में फंसकर वह किसी निजी अस्पताल तक पहुंच जाते हैं. फिर, उन्हें इलाज के नाम पर लंबा-चौड़ा बिल थमा दिया जाता है.   

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हालांकि, एम्स के डॉक्टर ने लोगों से अपील की है कि वे खुद सतर्क रहें और दलालों के जाल में फंसने से बचें. साथ हीं, उन्होंने कोरोना पर कंट्रोल के लिए जन भागीदारी को जरूरी बताया है. वहीं, डॉक्टर प्रभाकर सिंह का कहना है कि अगर लोग जागरूक न हुए तो कोरोना वायरल ज्यादा गंभीर रूप ले लेगा और इससे निपटना भी बेहद मुश्किल हो जाएगा.