कोरोना काल में गरीबों के खाने के लिए नीतीश सरकार गंभीर, हर प्रखंड में खुलेगा कम्युनिटी किचन
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कोरोना काल में गरीबों के खाने के लिए नीतीश सरकार गंभीर, हर प्रखंड में खुलेगा कम्युनिटी किचन

कोरोना की दूसरी लहर के बीच राज्य सरकार किसी भी तरह कोई कोई भी कमी नहीं छोड़ना चाहती है. इसी कड़ी में सरकार ने राज्य में  कम्युनिटी किचन शुरू किया है.

हर प्रखंड में कम्युनिटी किचन खोलेगी बिहार सरकार (फाइल फोटो)

Patna: कोरोना की दूसरी लहर के बीच राज्य सरकार किसी भी तरह कोई कोई भी कमी नहीं छोड़ना चाहती है. इसी कड़ी में सरकार ने राज्य में  कम्युनिटी किचन शुरू किया है. इसके अलावा स्वास्थ्य के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से सरकार की और योजनाओं के बारें में बताया है. 

हर प्रखंड में खुलेगा कम्युनिटी किचन

कम्युनिटी किचन को लेकर अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि राज्य के हर हर प्रखंड में कम्युनिटी किचन खोला जाएगा. 5 मई से शुरू हुए कम्युनिटी किचन शुरुआत में सिर्फ 119 ही थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर 432 हो गई है. कल शाम तक 7,03,703 लोगों ने यहां पर खाना खाया है. 

वैक्सीन को लेकर भी सरकार का सतर्क 

वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर उन्होंने बताया कि केंद्र से 1 जून तक बिहार को 17,34,250 वैक्सीन मिलेंगी. इस दौरान 45 से अधिक उम्रवालों के लिए 10,45,000 वैक्सीन होगी. वहीं 18 से अधिक उम्रवालों के लिए 6,89,250 वैक्सीन मिलेंगी. सरकार का ज्यादा फोकस 72 फीसदी गांवों पर है. 28 फीसदी वैक्सिनेशन सेंटर शहरी क्षेत्रों में है. कल तक 92,58,939 लोग वैक्सीन लग चुके हैं. 

हिट एप की प्रधानमंत्री ने भी की है प्रशंसा 

हिट एप को लेकर उन्होंने बताया है कि इसकी तारीफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी की है. उन्होंने इसे हर जगह लागू करने की भी सलाह दी है. इसमें मीण इलाकों में 84 हजार आशा कार्यकर्ता व फेलिसिटेटर को टैब दिया गया है, जिसमे वो घर-घर जाकर लोगों के टेंपरेचर और ऑक्सीजन लेवल चेक करेंगे. इस दौरान वो जैसे ही एंट्री करेंगे, इस बात की जानकारी डीएम और सिविल सर्जन को हो जाएगी. 

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इस दौरान उन्होंने बताया कि जो स्वास्थ्य कार्यकर्ता एनआइओएस से ट्रेनिंग ले चुके हैं, सरकार उनकी भी मदद लेगी. इसके अलावा अब एपीएचसी काम करेंगे. वहीं, 10  दिनों में डीएम, सिविल सर्जन कोरोना से मौत की रिपोर्ट देना होगा. 

ब्लैक फंगस को लेकर सरकार है तैयार 

ब्लैक फंगस को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में अब तक सिर्फ 56 ब्लैक फंगस के केस मिलें है. उन्हें अभी एम्फोर्टसिन बी दवा दी जा रही है. इसके लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई है. जिसमे माइक्रोबायोलॉजिस्ट, वायरोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, आई-ईएनटी स्पेशलिस्ट, डेंटिस्ट, फेशियल प्लास्टिक सर्जन हैं. 

उन्होंने आगे कहा कि बिहार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि आइजीआइएमएस को देश की 11वीं माल्येकुलर जिनोमिक लेबोरेट्री बनाया जाए, 

ग्लोबल टेंडर नीतिगत मामला

वैक्सीन को लेकर उन्होंने कहा कि इसका  ग्लोबल टेंडर नीतिगत मामला है. अभी मॉडर्ना, फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन ये तीन कंपनियां वैक्सीन बना रही है. इसके अलावा चीन की भी वैक्सीन हैं. देश में देश में कोवैक्सीन-कोविशील्ड के अलावा स्पूतनिक भी आ गया है.  फिलहाल बिहार में कवैक्सीन-कोविशील्ड वैक्सीन लगाये जा रहे हैं. 

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