केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी 14 नवंबर को बक्सर जिले में 'संत समागम' में भाग लेने के लिए बिहार का दौरा करेंगे, जहां वह इस एक्सप्रेस-वे परियोजना की आधारशिला रखेंगे.
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पटना: पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में कई एक्सप्रेस-वे हैं, लेकिन बिहार को समर्पित पहला एक्सप्रेस-वे जल्द ही लोगों के लिए हकीकत बन जाएगा. बिहार में जल्द ही 189 किलोमीटर लंबे आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू होगा.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी 14 नवंबर को बक्सर जिले में 'संत समागम' में भाग लेने के लिए बिहार का दौरा करेंगे, जहां वह इस एक्सप्रेस-वे परियोजना की आधारशिला रखेंगे.
189 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे दिल्ली-कोलकाता एनएच-19 पर स्थित औरंगाबाद जिले के आमस से शुरू होगा और अरवल, जहानाबाद, पटना, वैशाली और समस्तीपुर सहित सात जिलों को पार करते हुए दरभंगा जिले के नवादा गांव में एनएच-27 तक जाएगा.
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का भूमि अधिग्रहण लगभग पूरा हो चुका है और इसका निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा किया जाएगा.
परियोजना का निर्माण चार पैकेज में होगा और पहला पैकेज 55 किलोमीटर के आमस से शिवरामपुर तक, दूसरा पैकेज शिवरामपुर से रामनगर तक 54.3 किलोमीटर, तीसरा पैकेज रामपुर से 45 किलोमीटर का पाल दशरा और चौथा पैकेज पाल दशहरा से नवादा तक 44.1 किमी परियोजना की अनुमानित लागत 6,000 करोड़ रुपये है और एनएचएआई ने तीन निर्माण कंपनियों को निविदा आवंटित की है.
एनएचएआई ने इस परियोजना को 2024 तक पूरा करने की समय सीमा तय की है. इस एक्सप्रेसवे परियोजना के पूरा होने के बाद यह उत्तर से दक्षिण बिहार को चार घंटे से कम के यात्रा समय के साथ जोड़ेगा. एनएचएआई ने इस एक्सप्रेस-वे को एनएच-119डी के रूप में अधिसूचित किया है.
(आईएएनएस)