बिहार में शराब पीना या इससे जुड़ा कारोबार करना अवैध और कानूनन अपराध है. इसको लेकर कठोर सजा का प्रावधान भी है. जिसके कारण बिहार के जेल में कैदियों की संख्या बढ़ गई है.
Trending Photos
Bihar Jails: बिहार में शराबबंदी कानून कई बार पोल खुल चुकी है. हाल ही में प्रदेश के कई जिलों में जहरीली शराब पीने से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद इस कानून को लेकर काफी राजनीति देखने को मिली थी. विपक्ष ने इस कानून को वापस लेने की मांग की थी. इसके बाद भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने फैसले पर अड़े रहे थे. वहीं, प्रदेश में शराबबंदी कानून के कारण अब जेलों पर भी दबाव बढ़ने लगा है.
इस कानून के कारण प्रदेश की जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी बंद हैं. जेलों पर बढ़ने वाले दबाव को देखते हुए अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लिया है. जेलों में मानवाधिकारों का ख्याल करते हुए मुख्यमंत्री ने अब 13 नई जेलों को बनाने का निर्णय लिया है. सीएम के इस फैसले से साफ है कि वह शराबबंदी कानून को लेकर काफी सख्त हैं और इस कानून में कोई ढ़ील नहीं दी जाएगी.
इन जगहों पर बनाई जाएंगी नई जेलें!
जानकारी के मुताबिक, नीतीश सरकार ने एक मंडल स्तरीय जेल मधेपुरा और 12 अनुमंडल स्तरीय जेल बनाने का फैसला लिया है. ये जेल कहलगांव, निर्मली, नरकटियागंज, राजगीर, मडोरा, रजौली, सिवान,गोपालगंज, चकिया, पकड़ीदयाल,महनार और सिमरी बख्तियारपुर में बनाई जा सकती हैं. इन जिलों की क्षमता एक हजार कैदियों की होगी. हालांकि, अभी इस प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगी है.
इन जेलों में हो रहा है नया निर्माण
इसके अलावा भभुआ, जमुई, औरंगाबाद, अरवल और पालीगंज में स्थित जेलों में बंदियों के लिए नए निर्माण भी किए जा रहे हैं. इनमें नए भवनों का निर्माण कराया जा रहा है. 15 काराओं में 33 अतिरिक्त बंदी कक्ष के निर्माण की भी स्वीकृति दी गई है. इससे प्रदेश में करीब 23 हजार कैदियों को रखने की क्षमता बढ़ जाएगी.