बिहार पंचायत चुनाव: बोगस वोटिंग पर लगाम लगाएगी सरकार, फर्जी मतदाताओं की होगी पहचान
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बिहार पंचायत चुनाव: बोगस वोटिंग पर लगाम लगाएगी सरकार, फर्जी मतदाताओं की होगी पहचान

राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि बायोमीट्रिक के उपयोग का प्रस्ताव चुनाव में बोगस और फर्जी मतदान रोकने के इरादे से तैयार किया गया है.

बोगस वोटिंग पर लगाम लगाएगी सरकार. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Patna: सूबे में पहली बार पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) में बायोमेट्रिक मशीन लगने जा रही है. यह मशीन चुनिंदा सेटरों पर नहीं बल्कि सभी मतदान केंद्रों पर होगी, जिसका मकसद है वोगस वोटिंग को रोकना. ये बायोमेट्रिक मशीन 1.12 लाख बूथों पर फर्जी मतदाताओं की पहचान करेंगी. मशीन के उपयोग की तैयारी के दौरान उंगली और आंख की पुतली की रीडिंग ली जाएगी.
 
बता दें कि बिहार में 24 सितंबर से शुरू हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्वाचन आयोग पहली बार बायोमेट्रिक मशीन के इस्तेमाल की तैयारी कर रहा है. हालांकि, अभी तक यह योजना प्रयोग के स्तर पर ही है. आयोग कोशिश कर रहा है कि सभी 1.12 लाख मतदान केंद्रों पर बायोमीट्रिक लगाए जाएंगे. यदि सभी मतदान केन्द्रों पर यह संभव नहीं हुआ तो कुछ चुनिंदा बूथों पर प्रयोग के तौर पर बायोमेट्रिक मशीन उपयोग में लाई जाएंगी.

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वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि बायोमीट्रिक के उपयोग का प्रस्ताव चुनाव में बोगस और फर्जी मतदान रोकने के इरादे से तैयार किया गया है. आयोग मान कर चल रहीं है कि सुदूर ग्रामीण इलाकों में होने वाले मतदान में पर्दे में रहने वाली महिलाओं की पहचान बेहद कठिन होती है. ऐसे में फर्जी मतदान की आशंका बढ़ जाती है.

इसके अलावा कई बार कुछ दबंग प्रत्याशी अपने मतदाताओं को उकसा कर उनसे एक बार की जगह कई बार मतदान करा देते हैं. उनके भय की वजह से ऐसे मामलों पर रोक लगाने में दिक्कत होती है. इसलिए इन सब पर नकेल करने के लिए बायोमेट्रिक मशीन की व्यवस्था की जा रही है.

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