Bihar Political Crisis: बीजेपी-जेडीयू में आखिर क्यों बढ़ी दूरियां, जानिए 10 बड़े कारण
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Bihar Political Crisis: बीजेपी-जेडीयू में आखिर क्यों बढ़ी दूरियां, जानिए 10 बड़े कारण

Bihar Political Crisis: बीजेपी-जदयू की राय कई मुद्दों पर अलग-अलग रही है. इसको लेकर तमाम बार दोनों दल के नेता एक-दूसरे पर निशाना साधते रहे हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार, (फाइल फोटो)

पटना: Bihar Political Crisis: बिहार की राजनीति में लगातार उठापटक जारी है. जेडीयू-बीजेपी की बढ़ती दूरियां और जेडीयू की महागठबंधन के साथ जाने की अटकलों के साथ अगले 48 घंटों में बिहार की राजनीति की दिशा और दशा तय होनी है. 

दरअसल बिहार में सियासी उठापटक तो कई महीनों से चल रहा है. लेकिन पूर्व जेडीयू अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के पार्टी छोड़ने के बाद बिहार की सियासत ने अचानक करवट ले ली है.

सोनिया गांधी से नीतीश कुमार ने की बात
सूत्रों की मानें तो सीएम नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बात की है और बिहार के मौजूदा राजनीतिक हालात पर कांग्रेस अध्यक्ष से चर्चा की है. हालांकि इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेता भी बोलने से बच रहे हैं और नीतीश कुमार और सोनिया गांधी के बीच क्या बात हुई इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं.

विधायकों को पटना में रहने के निर्देश
बिहार की राजनीति में उठापटक के संकेत तो कई दिनों से मिल रहे थे लेकिन इन खबरों को प्रमाण तब मिला जब आरजेडी और जेडीयू के विधायकों को पटना में रहने के निर्देश दिए गए. हालांकि जीतन राम मांझी की पार्टी हम और कांग्रेस ने भी अपने-अपने विधायकों को भी राजधानी पटना में ही रहने के निर्देश दिए हैं.

केंद्र के कार्यक्रमों से लगातार दूरी बना रहे हैं नीतीश
पिछले दिनों सीएम नीतीश कुमार केंद्र सरकार के नेतृत्व में आयोजित कई बैठकों और कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए जिससे सियासी अटकलें और तेज हो गई. दरअसल, सीएम नीतीश कुमार कोविड स्थिति पर पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक, निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की विदाई में पीएम द्वारा आयोजित भोज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह, स्वतंत्रता दिवस को लेकर गृह मंत्री अमित शाह की बुलाई गई बैठक में या फिर रविवार को नीति आयोग की बैठक में जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे, इन सभी कार्यक्रमों से सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू ने दूरी बनाई.

महाराष्ट्र ने बढ़ाई जेडीयू की चिंता!
वहीं, पिछले दिनों जिस तरीके से महाराष्ट्र की राजनीति ने करवट ली और उद्धव सरकार को जिस तरीके से सत्ता से बेदखल किया गया उससे कहीं न कहीं जेडीयू चिंतित थी. जेडीयू को डर सताने लगा है कि बिहार में भी बीजेपी जेडीयू को तोड़ सकती है.

जेडीयू का बीजेपी पर आरोप
बिहार के सियासी खींचतान पर जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने आरसीपी सिंह के बहाने बीजेपी पर निशाना साधा और पार्टी कमजोर करने के आरोप भी लगाए. जेडीयू पहले भी पार्टी को कमजोर करने के लिए चिराग मॉडल के इस्तेमाल का आरोप लगा चुकी है.

चिराग फैक्टर से जेडीयू को कमजोर करने की साजिश 
2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू को सिर्फ 45 सीटें मिली इसकी बड़ी वजह चिराग पासवान को माना गया. दरअसल, चिराग पासवान ने एनडीए से बगावत की थी और जहां-जहां जेडीयू चुनाव लड़ रही थी वहां चिराग ने अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी, जिससे जेडीयू को काफी नुकसान हुआ था.

जेपी नड्डा के बयान से जेडीयू नाराज
पिछले दिनों पटना में आयोजित बीजेपी के सभी मोर्चों की बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की भविष्यवाणी से जेडीयू नाराज है. दरअसल बीजेपी अध्यक्ष ने बैठक में कहा था कि आने वाले समय में क्षेत्रीय पाटिया समाप्त हो जाएंगी और सिर्फ देश में बीजेपी बचेगी.

बीजेपी नेताओं के व्यवहार से नाराज हैं नीतीश कुमार!
सीएम नीतीश कुमार की नाराजगी तब भी सामने आई थी जब सदन में बीजेपी द्वारा सरकार पर सवाल उठाए गए थे. और अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया था. तब नीतीश कुमार की विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा से सदन में ही तीखी नोकझोंक हुई थी.

केंद्र में प्रतिनिधित्व को लेकर खींचतान!
2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद सरकार में जेडीयू को बीजेपी के तरफ से एक सीट ऑफर की गई जिसे जेडीयू ने ठुकरा दिया. हालांकि, 2021 में जेडीयू के तरफ से आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बने लेकिन 2022 में जदयू ने उनका टिकट काट दिया. राज्यसभा की सीट जानें के बाद आरसीपी सिंह को मंत्री पद से इस्तीफा देने पड़ा, ऐसे में अब जब जदयू ने दो मंत्री पद की मांग की तो उसे बीजेपी ने ठुकरा दिया. 

इसके अलावा जातीय जनगणना, लॉ एंड ऑर्डर, धर्मांतरण कानून और बिहार शरीफ कथित टेरर मॉड्यूल पर दोनों दलों के बीच मतभेद सामने आए थे.

इन सभी मुद्दों को लेकर जेडीयू और बीजेपी में हमेशा खींचतान रहा है और अब बिहार में जो सियासी हालात बने हैं, उसमें यह माना जा रहा है कि बिहार में बड़े सियासी उलटफेर जल्द हो सकते हैं. 

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