तेजप्रताप ने कहा, 'जैसे लोग मेरे पिता से डरते थे, वैसे ही हमसे भी डरते थे. ऐसा इस वजह से क्योंकि हम सिर्फ खरी बात करते हैं. मुझे देखकर लोग कहते हैं कि यही लालू यादव है.
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Patna: बिहार की राजनीति का पारा चिराग पासवान (Chirag Paswan) और पशुपति पारस (Pashupati Paras) के चलते 5 जुलाई को पहले से ही गरम था, अब तेजप्रताप यादव के तेवरों से इसमें लहर और बढ़ गई है. तेजप्रताप ने RJD की रजत जयंती पर कुछ ऐसे बयान दिए हैं, जिससे उनके इरादे साफ झलक रहे हैं. उन्होंने इस दौरान साफ किया कि अपने पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं.
'अपने पिता की तरह बनने की कोशिश'
RJD के 25वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह के दौरान तेजप्रताप ने कहा, 'पिताजी ने छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की थी इसलिए मैंने भी अपना दाखिला बीएन कॉलेज में कराया था. बीएन कॉलेज के जिस क्लासरूम की जिस बेंच पर पिताजी बैठते थे, हम भी वहीं बैठे हैं'. पिता की विरासत पर से हक जमाते हुए उन्होंने कहा, 'मैं पिता लालू यादव की तरह हूं'.
'मुझे देखकर लोग कहते हैं कि यही लालू यादव है'
स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह के दौरान तेजप्रताप ने कहा, 'जैसे लोग मेरे पिता से डरते थे, वैसे ही हमसे भी डरते थे. ऐसा इस वजह से क्योंकि हम सिर्फ खरी बात करते हैं. मुझे देखकर लोग कहते हैं कि यही लालू यादव है. जब-जब विरोधियों ने अर्जुन पर वार किया तो श्रीकृष्ण ने उसका बचाव किया. ऐसे ही जब तेजस्वी यादव पर हमला होगा, तो कृष्ण रूपी मैं उनके बचाव में रहूंगा.'
भाई पर भी किये शब्दों से वार
इस दौरान उन्होंने अपने छोटे भाई को भी लपेटे में ले लिया. उन्होंने कहा, 'मुझे पूजा पाठ करने में आज वक्त लग गया, जिसके चलते कार्यक्रम में आने में देर हो गई. ऐसे में तेजस्वी यादव बाजी मार गए और मंच पर आकर पहले बैठ गए.'
'मेरी बात पर लोग हंसते हैं'
तेज प्रताप यादव ने कहा, 'जब 'मैं बोलता हूं, तो कुछ लोग हंसते हैं. जब पिता बोलते थे, तब भी विरोधी भी हंसते थे. बहुत सारे लोग तरह-तरह की खराब बातें करते हैं, लेकिन मेरे पीछे कोई क्या बोल रहा है, मैं इस पर ध्यान नहीं देता हूं. उन्होंने आगे कहा, 'जब पटना में लाठीचार्ज हो रहा था, तो मैं आगे खड़ा था. मैं इस दौरान आगे जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ खड़े होना चाहता था, मगर कुछ लोगों ने मुझे पीछे खींच लिया. दरअसल, लोग मुझे पीछे इसलिए खींचते हैं ताकि हम असली हीरो ना हो जाएं.'
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