बिहार में राजद कार्यालय (RJD Office) की जमीन को लेकर सियासत तेज है. इस मामले में अब जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने कहा है कि 6 महीने पहले हमलोगों ने सरकार को पत्र लिखा था.
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Patna: बिहार में राजद कार्यालय (RJD Office) की जमीन को लेकर सियासत तेज है. इस मामले में अब जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने कहा है कि 6 महीने पहले हमलोगों ने सरकार को पत्र लिखा था. जमीन की मालिक सरकार होती है और जमीन का आवंटन सरकार करती है, ऐसे में हमने सरकार से दफ्तर के लिए जमीन की मांग की है. उन्होंने कहा कि राजद ने कभी अतिक्रमण करने का प्रयास नहीं किया और सभी यहां संयम से रहते हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार के किस पदाधिकारी ने किस स्तर से फैसला लिया मुझे नहीं मालूम है. इसके साथ ही जगदानंद ने कहा कि हमें सरकार से जवाब मिला है कि राजद के बगल की जमीन माननीय उच्च न्यायालय को आवंटित जमीन है. राजद नेता ने कहा कि लालू प्रसाद ने पहले घोषणा की थी कि सभी दलों को जमीन दी जाएगी.
'तेज प्रताप से डरे तो नए ऑफिस की मांग'
आरजेडी के कार्यालय विस्तार की मांग पर बीजेपी हमलावर है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के डर से जगदानंद सिंह को अलग कार्यालय चाहिए. उन्होंने कहा कि तेज प्रताप यादव अपना रूप दिखा रहे हैं इसिलए जगदानंद सिंह डर गए हैं.
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एहसान को भूल गई आरजेडी- BJP
उधर, बीजेपी नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि 2006 में एनडीए सरकार ने ही सभी पार्टियों को कार्यालय दिया था. इतना ही नहीं सभी पार्टियों ने अपने स्वेच्छा से कार्यालय का चयन किया था. उन्होंने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी मुख्यमंत्री के एहसानों को भूल गई है. पहले आरजेडी की विधायक दल के नेता लायक भी संख्या नहीं थी, फिर भी एनडीए ने आगे बढ़कर आरजेडी को कार्यालय के लिए जगह दी. उन्होंने कहा कि आरजेडी पहले अपने घर का झगड़ा सुलझाए अगर कलह रहेगी तो फिर कार्यालय कैसे चलेगा?
मुद्दाविहीन हो चुकी है RJD
जनता दल यूनाइटेड के नेता आनंद माधव का कहना है कि आरजेडी मुद्दा विहीन हो चुकी है. जनता दल नेता माधव आनंद ने कहा कि आरजेडी जरूर एक बड़ी पार्टी है लेकिन उसे इन बातों से निकलकर जनता की समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है.
एक नंबर की पार्टी,तीन नंबर का कार्यालय
उधर, कांग्रेस नेता राजेश राठौर ने कहा कि सीएम हमेशा विपक्ष की मांगों को दरकिनार करते हैं. नीतीश कुमार जेडीयू तीन नंबर की पार्टी है तो उसे एक नंबर कार्यालय, आरजेडी एक नंबर की पार्टी है तो उसे तीन नंबर कार्यालय. उन्होंने मुख्यमंत्री पर अपनी सहयोगी बीजेपी से भी भेदभाव करने का आरोप लगाया है.
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