बिहार: नियोजन की प्रक्रिया में हुआ सुधार तो शिक्षकों का पड़ गया अकाल, बगैर शिक्षक ही पढ़ाई करेंगे बच्चे?
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बिहार: नियोजन की प्रक्रिया में हुआ सुधार तो शिक्षकों का पड़ गया अकाल, बगैर शिक्षक ही पढ़ाई करेंगे बच्चे?

बिहार सरकार के शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) ने लंबे समय तक चले टालमटोल के बाद छठे दौर के लिए शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है.  

शिक्षा विभाग के सचिव संजय कुमार

Patna: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) ने लंबे समय तक चले टालमटोल के बाद छठे दौर के लिए शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस दौर में क्लास (Class) एक से लेकर आठ तक के लिए 90 हजार 400 शिक्षकों (Teachers) का नियोजन होना था. शिक्षा विभाग ने अपनी तरफ से इसको लेकर नियोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है लेकिन सरकार के द्वारा जो उम्मीद की गई थी उसके मुताबिक अभ्यर्थी ही नियोजन के लिए नहीं पहुंच रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक, छठे दौर के नियोजन की दो काउंसलिंग पूरी होने को है, लेकिन आधी सीटें ही भरी जा सकी है. दूसरी ओर राजधानी पटना (Capital Patna) के स्कूलों में शिक्षकों की कमी बरकरार है. शिक्षा विभाग ने स्कूलों में कमी को देखते हुए शिक्षक नियोजन का काम तो शुरू कर दिया. लेकिन उसे इसमें निराशा ही हाथ लगी है. ऐसा इसलिए क्योंकि पहले दौर की काउंसलिंग पूरी हो चुकी है और दूसरे दौर की काउंसलिंग की प्रक्रिया भी अपने अंतिम पड़ाव पर है. लेकिन इसका नतीजा सीफर नजर आ रहा है क्योंकि अभी तक आधी सीटें भी नहीं भरी हैं.

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इसके लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार (Additional Chief Secretary Sanjay Kumar) भी मानते हैं कि अभ्यर्थी उस अनुपात में नहीं पहुंच रहे हैं. उनका कहना है कि नियोजन की प्रक्रिया की शुरुआत से पहले जो शोरगुल था वह शोर नियोजन के दौरान देखने को नहीं मिल रहा है.

आंकड़ों के जरिए इसको समझने की कोशिश करें तो छठे दौर के शिक्षक नियोजन(teacher planning) की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव ने ज़ी मीडिया को बताया कि,पहले फेज की काउंसलिंग में कक्षा 1-5 तक में 62 हजार 714 शिक्षकों का नियोजन होना था, लेकिन 26 हजार 286 पदों पर ही नियोजन हुआ यानि 36 हजार 428 सीटें खाली रह गईं. 

दूसरे फेज में 1100 नियोजन इकाई में नियोजन ही नहीं हुआ
वहीं, कक्षा 6 से 8 तक 23 हजार 206 पदों पर नियोजन होना था, लेकिन यहां भी संख्या 11 हजार 478 पर ही आकर रूक गई और बची सीटें अभी भी खाली है. इसके साथ ही आंकड़े की मानें तो दूसरे फेज में 1100 नियोजन इकाई में नियोजन ही नहीं हुआ है. विभाग की तरफ से इन इकाईयों की जानकारी जुटाई जा रही है. दूसरे फेज में 1100 नियोजन इकाई में बहाली होने के बाद ही तीसरे फेज की काउंसलिंग शुरू होगी.

90 हजार 400 शिक्षकों को बहाल करने का लक्ष्य है
वहीं, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि पंचायत चुनाव का नियोजन पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि ये ऑनगोइंग प्रोसेस है और अगस्त 2019 में ही इसके लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है. छठे चरण की काउंसलिंग में क्लास एक से लेकर आठ तक में 90 हजार 400 शिक्षकों को बहाल करने का लक्ष्य है. लेकिन अभी तक विभाग इस लक्ष्य से काफी दूर रह गया है.

बिहार में शिक्षक नियोजन का इतिहास काफी विवादित रहा है
विभाग ने पिछले नियोजन से सबक लेकर इस बार शिक्षक नियोजन को पारदर्शी बनाया है. लिहाजा फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी लेने वाले अब पकड़े जाने को लेकर सतर्क हैं क्योंकि बिहार में शिक्षक नियोजन का इतिहास काफी विवादित रहा है. शिक्षा विभाग ने अपनी तरफ से पहल तो की है लेकिन हकीकत ये है कि बिहार के करोड़ों बच्चे एक बार फिर से बगैर शिक्षक के ही पढ़ने को मजबूर होंगे, क्योंकि नियोजन के ताजा आंकड़े तो यही बयां कर रहे हैं.

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