परसा प्रखंड अंतर्गत परसादी कारखाना परिसर में विराट महादंगल कुश्ती प्रतियोगिता दूर दराज से पहलवान शामिल हुए. सभी पहलवानों ने अपनी प्रतिभा का लोह मनवाया है.
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छपरा : छपरा में मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर परसा प्रखंड अंतर्गत परसादी कारखाना परिसर में विराट महादंगल कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता में पुरुष व महिला कुस्ती को देखने के लिए काफी संख्या में लोग उपस्थित हुए. महिला पहलवानों ने भी अपनी प्रतिभा का लोह मनवाया.
पहलवानों ने अपनी प्रतिभा का मनवाया लोहा
बता दें कि परसा प्रखंड अंतर्गत परसादी कारखाना परिसर में विराट महादंगल कुश्ती प्रतियोगिता दूर दराज से पहलवान शामिल हुए. सभी पहलवानों ने अपनी प्रतिभा का लोह मनवाया है. महिला पहलवान भी किसी से कम नहीं थी. सभी का जोरदार मुकाबला हुआ है. विजेता पहलावन को आयोजक की तरफ से इनाम दिया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि युवा व संस्कृति मंत्री जितेंद्र राय,महुआ विधायक मुकेश रौशन,परसा विधायक छोटेलाल राय,चैयरमैन प्रतिनिधि अमर राय,मुखिया संघ प्रदेश अध्यक्ष मिथलेश राय,पूर्व मुखिया डॉ सविता कुमारी,मुखिया प्रतिनिधि अमित साह व राजद नेता सुधांशु रंजन,राजद ने संयुक्त रूप से खिलाड़ी पहलवानों से परिचय करने के उपरांत फीता काट कर किया.
पहलवानों को मिला अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर
मुख्य अतिथि कला संस्कृति मंत्री जितेंद्र राय ने कहा कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से पहलवालनों को अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर मिला है. खेल में जीत हार तो होती ही है,एक जीतता है तो एक हारता है पर हारने वाले को निराश न होकर आगे जीत के बारे में सोचना चाहिए. वहीं परसा विधायक छोटेलाल राय ने कहा आज कल समय बदल गया है, बेटियां भी आज हर क्षेत्र मे पुरूषों के बराबर खड़ी है. जिस तरह आज इस कुश्ती प्रतियोगिता में बेटों के जवाब में बेटियों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर जीत हासिल की है तारीफ के काबिल है. प्रतियोगिता के मुख्य आकर्षण उत्तरप्रदेश के अयोध्या के मोहन दास थे,जो कोच एवं पहलवान है. जबकि बनारस व गाजीपुर की महिला पहलवान शिवानी व रोशनी की महिला पहलवानों ने भी पदक जीता है.
वहीं कुश्ती प्रतियोगिता के आयोजक नंदन यादव ने सफल आयोजन के लिए सभी अतिथियों,प्रदेश भर से आये हुए कुश्ती के पहलवानों, कोच व प्रभारियों समेत स्थानीय नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह आयोजन प्रतिवर्ष मकर संक्रांति के दिन आयोजन किया जाना है. कुश्ती का खेल विलुप्त ना हो. नए पहलवानों को अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर मिल सके.
इनपुट- राकेश