बिहारी अफसरों ने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को एनकाउंटर में मार गिराया, ददुआ को भी मिट्टी में मिलाया था
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बिहारी अफसरों ने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को एनकाउंटर में मार गिराया, ददुआ को भी मिट्टी में मिलाया था

यूपी बाहुबली अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और उसके सहयोगी गुलाम का यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया. असद ने विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेशपाल की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी और उसके बाद से वह यूपी पुलिस की रडार पर था.

बिहारी अफसरों ने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को एनकाउंटर में मार गिराया, ददुआ को भी मिट्टी में मिलाया था

Asad Ahmad Encounter: यूपी बाहुबली अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और उसके सहयोगी गुलाम का यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया. असद ने विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेशपाल की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी और उसके बाद से वह यूपी पुलिस की रडार पर था. यूपी पुलिस ने उस पर 5 लाख रुपये इनाम की घोषणा कर रखी थी. 13 अप्रैल को जिस दिन अतीक अहमद की कोर्ट में पेशी थी, उसी दिन असद अहमद को यूपी एसटीएफ ने मार गिराया. असद अहमद और उसके सहयोगी गुलाम के एनकाउंटर को लेकर यूपी एसटीएफ को सरकार की ओर से बधाई दी जा रही है, लेकिन क्या आपको पता है जिन अफसरों ने असद अहमद का एनकाउंटर किया और उसकी योजना बनाई, वे बिहार के रहने वाले हैं. आइए, हम इनके बारे में पूरी जानकारी देते हैं.

बिहार के सारण के रहने वाले हैं डीएसपी नवेंदु

झांसी में जिस एसटीएफ टीम के साथ असद अहमद की मुठभेड़ हुई, डीएसपी नवेंदु उस टीम को लीड कर रहे थे. नवेंदु बिहार के सारण के रहने वाले हैं. उनके पिता भोलानाथ राय हैं. 3 अगस्त 1967 को नवेंदु का जन्म हुआ था. नवेंदु के करियर में अहम मोड़ तब आया, जब 2017 में उन्हें एसटीएफ में तैनाती मिली. उन्होंने कुछ साल पहले एक डकैत को घेर लिया था और एनकाउंटर में उनको गोली भी लगी थी.

पिछले साल 2022 में नवेंदु ने 2 खूंखार अपराधियों को ढेर किया था. उनकी वीरता को देखते हुए 2008 में उन्हें राष्ट्रपति वीरता पदक, 2014 में वीरता पदक, 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. अब असद के एनकाउंटर के बाद से यूपी में नवेंदु की बहादुरी के बहुत चर्चे हो रहे हैं.

यूपी एसटीएफ के एडीजी भी रखते हैं बिहार से ताल्लुकात

यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने असद एनकाउंटर की जानकारी दी. लोकेशन ट्रैस होने के बाद से ही अमिताभ यश असद की गिरफ्तारी के लिए लगे हुए थे. आखिर में उनकी रणनीति काम आई और एसटीएफ ने असद को एक मुठभेड़ में मार गिराया. बिहार के रहने वाले अमिताभ यश का पैतृक निवास भोजपुर में है. उनके पिता राम सिंह यश भी अपने जमाने के चर्चित आईपीएस थे. सेंट स्टीफेंस काॅलेज से पढ़े अमिताभ यश को एसपी के तौर पर पहला जिला यूपी का संत कबीरनगर मिला. फिर वे नोएडा, कानपुर सहित कई जिलों के कप्तान रहे. 2007 में मायावती की सरकार के दौरान अमिताभ को एसटीएफ की कमान सीनियर एसपी के रूप में दी गई.

अमिताभ यश ने चित्रकूट के जंगलों में ददुआ और ठोकिया को एनकाउंटर में मार गिराया था. 2007 में ददुआ मारा गया तो उसके बाद ठोकिया. 2017 में योगी सरकार ने अमिताभ यश को प्रमोशन देते हुए यूपी एसटीएफ का आईजी बनाया और 2 साल बाद 2021 में वे एसटीएफ के एडीजी बना दिए गए.

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