NDA सरकार पर 'अपनों' का ही निशाना, कानून-व्यवस्था और बाढ़ को लेकर घिरी सरकार
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NDA सरकार पर 'अपनों' का ही निशाना, कानून-व्यवस्था और बाढ़ को लेकर घिरी सरकार

बिहार में सत्ताधारी दल लगातार एक-दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे हैं. कभी BJP-JDU, कभी BJP-HAM, कभी JDU-VIP के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो जाती है. 

NDA सरकार पर 'अपनों' का ही निशाना (फाइल फोटो)

Patna: बिहार में सत्ताधारी दल लगातार एक-दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे हैं. कभी BJP-JDU, कभी BJP-HAM, कभी JDU-VIP के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो जाती है. NDA सरकार के चार घटक दलों में कोई समन्वय बनता नज़र नहीं आ रहा है. सत्तापक्ष के घमासान ने बैठे-बिठाए विपक्ष को ताकत दे दी है और विपक्ष अब सरकार को गिराकर, खुद सत्तासीन होने की सोच रहा है.

दरअसल ,पहले से ही एक-दूसरे से भिड़े NDA के घटक दलों में फिर खींचतान शुरु हो गई है. इस बार भी इसका श्रेय BJP को ही जाता है. BJP के नेता सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं. कभी मंत्रियों पर रिश्वत लेने का आरोप लगाते हैं, कभी कानून-व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करते हैं, कभी बाढ़ राहत के दावे को हवा-हवाई करार देते हैं. उनके बयान के बाद पूरी सरकार डैमेज कंट्रोल में जुट जाती है.

'BJP सांसद ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को बताया खराब'

मुजफ्फरपुर से BJP के लोकसभा सांसद अजय निषाद ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर ऐसा बयान दिया था कि विपक्ष आक्रामक हो गया. अजय निषाद ने सबके सामने स्वीकार किया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति संतोषजनक नहीं है. उन्होंने कहा कि 'ये सच है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार 15 साल से प्रदेश में चल रही है. कानून-व्यवस्था की जो स्थिति होनी चाहिए, वो नहीं है. लॉ एंड ऑर्डर को बेहतर नहीं कहा जा सकता. प्रदेश में जो सरकार 'सुशासन' के दावे करती है, वो 'सुशासन' धरातल पर दिखना भी चाहिए. लेकिन 'सुशासन' ज़मीनी स्तर पर दिखता नहीं है.'

हालांकि सांसद ने ये भी कहा कि 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अकेले क्या-क्या कर सकते हैं. वो तमाम विभागों की जिम्मेदारी उठा रहे हैं. इसलिए हर बात के लिए उनसे उम्मीद करना ठीक नहीं है. पुलिस अधिकारियों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. प्रशासन चाहे तो हालात सुधर सकते हैं' अजय निषाद ने सीएम का बचाव करने का प्रयास तो किया, लेकिन इशारों में सवाल भी उन्हीं पर उठा दिया.

अभी सांसद के बयान का सही से डैमेज कंट्रोल हुआ भी नहीं था कि BJP की ही तरफ से अगला बम फूट पड़ा. इस बार मधुबनी के बिस्फी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हरिभूषण ठाकुर की बारी थी. हरिभूषण ठाकुर BJP के वैसे विधायक हैं, जो हमेशा अपने बयानों से विवाद पैदा करते हैं. ठाकुर ने अपने विधानसभा क्षेत्र में आई बाढ़ का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि 'मेरे इलाके में 50 हजार से भी ज्यादा आबादी बाढ़ से प्रभावित है. बाढ़ पीड़ितों को सही से राहत नहीं मिल पा रही है. अधिकारी अग्रेजों की तरह बर्ताव कर रहे हैं. बिना नज़राने (रिश्वत) के कोई अधिकारी कुछ नहीं करता है. हालात ऐसे हैं कि लोग बाढ़ से बेहाल होकर दाने-दाने को मोहताज हैं. जनप्रतिनिधि होने के नाते मैं क्षेत्र में जाता हूं, तो लोग मुझसे सवाल पूछते हैं'.

हरिभूषण ठाकुर यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने सीएम के हवाई सर्वेक्षण पर टिप्पणी करते हुए ये तक कह दिया कि 'सिर्फ हवाई सर्वेक्षण ही हो रहा है, धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है. बाढ़ राहत के दावे सिर्फ हवा-हवाई हैं'.

'BJP सांसद-विधायक के बयान ने विपक्ष को दिया मौका'

BJP सांसद और विधायक ने अपनी ही सरकार के कामकाज पर सवाल क्या उठाए, विपक्ष की तो मुराद ही पूरी हो गई. सीएम नीतीश कुमार पर अक्सर हमलावर रहने वाला विपक्ष इस बार बेहद आक्रामक अंदाज़ में मैदान में उतर आया. बेहतर लॉ एंड ऑर्डर के दावे पर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए. विपक्ष का कहना है कि 'ये सरकार सिर्फ लोगों को गुमराह कर रही है. अपराधी बेलगाम हो गए हैं, करप्शन का बोलबाला है. खुद सत्ताधारी पार्टी के विधायक कहते हैं कि सरकार में शामिल 80 फीसदी मंत्री रिश्वतखोर हैं. NDA सरकार का सबसे बड़ा घटक दल BJP है, और उसके सांसद-विधायक ही सरकार के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं. ऐसे में अब कहने को क्या रह जाता है?'

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'डैमेज कंट्रोल में जुटे BJP-JDU के नेता', 

हालांकि विपक्ष के आरोपों पर JDU सफाई देती नजर आ रही है. JDU का कहना है कि 'जो लोग बोल रहे हैं, उनकी अपने क्षेत्र की कोई समस्या होगी. वो चाहें तो अधिकारियों से बात कर सकते हैं. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काम करने में विश्वास करते हैं. जहां कोई कमी होगी, उसे भी तत्काल ठीक कर दिया जाएगा'.

इसको लेकर सफाई BJP भी दे रही है. पार्टी का कहना है कि 'जो भी बातें सांसद या विधायक ने कही है, वो सरकार पर सवाल उठाने के मकसद से नहीं कही. NDA सरकार के सभी घटक दल बेहद जागरुक हैं. जहां भी कोई कमी होती है, उसे तत्काल संज्ञान में लाते हैं. ऐसे में सरकार तत्काल उस पर एक्शन ले पाती है.'

अब NDA के नेता चाहे जितनी सफाई दें, लेकिन जैसे कमान से निकला तीर वापस नहीं आता, वैसे जुबान से निकले शब्द वापस नहीं लौटते. BJP के सांसद और विधायक ने जो भी बोला, वो गठबंधन धर्म तो नहीं हो सकता. ये सीधे तौर पर विरोधियों को ताकत देने वाला ही बयान है.

 

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