Bihar Caste: बिहार में यादव शीर्ष पर, जानें सूची में सीएम नीतीश की जाति कहां?
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2475701

Bihar Caste: बिहार में यादव शीर्ष पर, जानें सूची में सीएम नीतीश की जाति कहां?

Bihar Caste Survey Report: बिहार की टॉप 10 जातियों में पहले स्थान पर यादव हैं. इसके बाद दुसाध जाति दूसरे नंबर पर आती है. चौथे नंबर पर कुशवाहा जाति है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जाति कुर्मी 10वें स्थान पर है. वहीं, भूमिहार जाति टॉप 10 में शामिल नहीं है.

Bihar Caste: बिहार में यादव शीर्ष पर, जानें सूची में सीएम नीतीश की जाति कहां?

Bihar Caste: बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़ों की बात करें तो राज्य में करीब 13 करोड़ से अधिक आबादी का वर्गीकरण हुआ. इस जनगणना के अनुसार सबसे बड़ी जातीय समूह यादव हैं, जिनकी आबादी 14.26 प्रतिशत है. इसके बाद दुसाध जाति 5.31 प्रतिशत पर और चमार या रविदास जाति 5.25 प्रतिशत पर हैं. कुशवाहा जाति चौथे स्थान पर है, जिसकी आबादी 4.21 प्रतिशत है.

सीएम नीतीश कुमार की जाति 10वें स्थान पर
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जाति 'कुर्मी' इस सूची में 10वें स्थान पर है, जिनकी जनसंख्या 2.87 प्रतिशत है. इस सूची में अन्य प्रमुख जातियों की बात करें तो शेख (मुस्लिम) 3.82 प्रतिशत, मोमिन (मुस्लिम) 3.54 प्रतिशत, ब्राह्मण 3.66 प्रतिशत और राजपूत 3.45 प्रतिशत हैं. साथ ही मुसहर जाति जो राज्य की सबसे गरीब जातियों में से एक मानी जाती है, 3.08 प्रतिशत के साथ सूची में नौवें स्थान पर है. इसके अलावा बिहार की कुल आबादी में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) का प्रतिशत सबसे अधिक है, जो 36.01 प्रतिशत है. इसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का प्रतिशत 27 प्रतिशत है. अनुसूचित जाति (एससी) की आबादी 19.65 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की 1.68 प्रतिशत है. वहीं ऊंची जातियों की कुल आबादी 15.52 प्रतिशत है, जिसमें भूमिहार 2.86 प्रतिशत, ब्राह्मण 3.66 प्रतिशत और राजपूत 3.45 प्रतिशत हैं.

राज्य में यादव जाति के लोग सबसे ज्यादा 
बिहार में जातीय जनगणना के अनुसार यादव जाति राज्य की सबसे बड़ी जाति है, जो लगभग 1 करोड़ 86 लाख से अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व करती है. दूसरी ओर दुसाध जाति की आबादी 69 लाख से अधिक है और चमार जाति की आबादी 68 लाख से थोड़ी अधिक है. चौथे स्थान पर कुशवाहा जाति है, जिसकी जनसंख्या लगभग 55 लाख है. इसके अलावा शेख और मोमिन मुस्लिम समुदाय से आने वाले प्रमुख समूह हैं. शेख जाति की आबादी 49 लाख के करीब है, जबकि मोमिन जाति की आबादी लगभग 46 लाख है. ब्राह्मण जाति की आबादी 47 लाख और राजपूत जाति की आबादी 45 लाख है. मुसहर जाति की आबादी लगभग 40 लाख के आस-पास है.

राज्य में 'कुर्मी' जाति करीब 37 लाख
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जाति 'कुर्मी' इस सूची में 10वें स्थान पर है, जिसकी आबादी लगभग 37 लाख है. इन आंकड़ों से पता चलता है कि बिहार में जातीय समीकरण काफी जटिल हैं और राजनीति भी जातीय समूहों पर आधारित रहती है. यादव जाति जो राज्य की सबसे बड़ी जाति है, हमेशा से ही राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जाती रही है. इसके अलावा दुसाध, कुशवाहा और अन्य पिछड़े वर्गों की जातियां भी अपनी संख्या के आधार पर राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं. साथ ही ऊंची जातियों में भूमिहार, ब्राह्मण और राजपूत प्रमुख जातियां हैं, लेकिन इनकी कुल जनसंख्या 15 प्रतिशत से अधिक नहीं है. ऊंची जातियों के लोग राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में काफी प्रभावशाली माने जाते हैं, लेकिन जनसंख्या के आधार पर इनका राजनीतिक प्रभाव सीमित हो सकता है.

हिंदू समुदाय की आबादी 81.9 प्रतिशत
बिहार में धार्मिक आधार पर हिंदू समुदाय की आबादी 81.9 प्रतिशत है, जबकि मुस्लिम समुदाय की आबादी 17.7 प्रतिशत है. ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और अन्य धार्मिक समूहों की कुल मिलाकर 0.5 प्रतिशत से कम की आबादी है. साथ ही इस जातीय जनगणना के आंकड़ों से यह साफ होता है कि बिहार में जातीय समीकरण और राजनीतिक समीकरण गहरे जुड़े हुए हैं.

इनपुट- एजेंसी

ये भी पढ़िए-  Choti Diwali 2024 Date: कब है छोटी दिवाली? जानें त्योहार के रिवाज और परंपराएं

Trending news