बिहार कांग्रेस में बदलाव की सुगबुगाहट, कांग्रेस नेता ऋषि मिश्रा ने दिए संकेत
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बिहार कांग्रेस में बदलाव की सुगबुगाहट, कांग्रेस नेता ऋषि मिश्रा ने दिए संकेत

Bihar Politics: कांग्रेस नेता ऋषि मिश्रा ने कहा कि पार्टी अगर बदलाव करती है तो सकारात्मक तरीके से करे. ऐसे नेताओं को जिम्मेदारी मिले जो 24 घंटे की राजनीति करते हो, जो कांग्रेस के लिए सोचते हो.

बिहार कांग्रेस में बदलाव की सुगबुगाहट. (फाइल फोटो)

Patna: पिछले कुछ महीने बिहार कांग्रेस के लिए हलचल भरे रहे हैं. इस दौरान कभी दबी जुबां से संगठन में बदलाव की आवाजें सुनाई दी तो कभी दिल्ली में कांग्रेस नेताओं का जमावड़ा लगता नजर आया. अब एक बार फिर कांग्रेस संगठन में बदलाव की सुगबुगहाट तेज हो गई हैं. ऐसे में हो सकता है कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakta Charan Das ) जल्द कोई बड़ा फैसला लें.
 
कांग्रेस नेता ऋषि मिश्रा का बयान
दरअसल, कांग्रेस नेता ऋषि मिश्रा का बयान सामने आया है, जिससे कांग्रेस संगठन में बदलाव की बात सच होती प्रतीत होती है. कांग्रेस नेता ने साफ किया है कि उन्होंने भी बदलाव की चर्चा सुनी है. ऋषि मिश्रा ने कहा कि पार्टी अगर बदलाव करती है तो सकारात्मक तरीके से करे. ऐसे नेताओं को जिम्मेदारी मिले जो 24 घंटे की राजनीति करते हो, जो कांग्रेस के लिए सोचते हो और जो सहयोगियों के साथ मेलजोल रख सकें.

'BJP से लड़ाई, तैयारी करनी होगी'
ऋषि मिश्रा ने पार्टी के लक्ष्य को साफ करते हुए बताया कि लड़ाई बीजेपी से है. अगर बीजेपी से लड़ाई लड़नी है तो तैयारी करनी ही होगी, सहयोगी दलों के साथ सीटों का तालमेल बिठाना होगा. 

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जमीन बचाने की चुनौती
गौरतलब है कि बिहार चुनाव में कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन रहा था, जिसके बाद कांग्रेस अपनी जमीन बचाने की जद्दोजहद में लगी हुई है लेकिन इस बीच पार्टी नेताओं की नाराजगी, मनमुटाव यहां तक के पार्टी में सबकुठ ठीक नहीं होने के मुद्दों और स्थितियों से भी पार्टी को दो-चार होना पड़ा.

हाल ही में पार्टी के पूर्व नेता राजेश राम ने कांग्रेस का दामन छोड़कर जेडीयू (JDU) का तीर कमान थाम है. ये वही राजेश राम है जिनके लिए सुनने में आया था कि इनका नाम पार्टी अध्यक्ष पद के लिए प्रदेश पार्टी प्रभारी भगत चरण दास की ओर से आगे बढ़ाया गया था लेकिन परिस्थितियों को कुछ और ही मंजूर था. बहरहाल पार्टी छोड़ने से पहले राजेश राम ने बकायदा सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर बिहार कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं होने की बात कही थी. फिलहाल देखना ये होगा कि बदलाव की ये सुगबुगहाट मात्र एक शिगुफा है या फिर सच में कांग्रेस अपनी स्थिति को लेकर गंभीर है.

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