एक्शन मोड में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, बिहार के इन 705 डॉक्टरों पर गिरेगी गाज
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एक्शन मोड में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, बिहार के इन 705 डॉक्टरों पर गिरेगी गाज

स्वास्थ्य विभाग मरीजों के लिए अन्य अस्पतालों में रेफर नीति पर बहुत तेजी से काम कर रहा है, ताकि लोग को बिना किसी परेशानी के राज्य के अन्य अस्पतालों में रेफर कर सकें. साथ ही सभी जिलों में उचित स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. 

एक्शन मोड में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, बिहार के इन 705 डॉक्टरों पर गिरेगी गाज

पटना : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव एक दम एक्शन मोड में आ गए है. उनकी विशेष रूप से स्वास्थ्य विभाग पर पैनी नजर है. उन्होंने कहा कि हम छह महीने से अधिक समय से अनुपस्थित रहने वाले और बिना जनता की सेवा करें हर महीने सरकारी वेतन पाने वाले लगभग 705 डॉक्टरों की लिस्ट तैयार की है. राज्य में जो डॉक्टर कामचोर है उन पर जल्द ही गाज गिरेगी.

705 डॉक्टरों पर गिरेगी गाज
बता दें कि डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर एक लिस्ट तैयार की है. ये लिस्ट उन डॉक्टरों की है जो अपने कार्य को लेकर कामचोर है. तेजस्वी ने कहा कि इस लिस्ट में एक डॉक्टर ऐसा है जो 12 साल से अनुपस्थित है और अस्पताल में बिना सेवा दिए सरकारी रुपये ले रहा है. इस डॉक्टर की फाइल अब मेरे पास आई है. साथ ही उन्होंने कहा कि ये डॉक्टर पिछले कई साल से अनुपस्थित हैं. इस घटनाक्रम के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पिछले छह महीने से अनुपस्थित रहने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है.

मरीजों के रेफर नीति पर हो रहा कार्य
तेजस्वी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मरीजों के लिए अन्य अस्पतालों में रेफर नीति पर बहुत तेजी से काम कर रहा है, ताकि लोग को बिना किसी परेशानी के राज्य के अन्य अस्पतालों में रेफर कर सकें. साथ ही सभी जिलों में उचित स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही कहा कि राज्य के अस्पतालों में अनुपस्थित डॉक्टरों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इन सभी पर जल्द कार्रवाई होगी.स्वास्थ्य विभाग से कहा गया है कि अस्पतालों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बायोमेट्रिक मशीनों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी.

बीएचएसए ने स्वास्थ्य विभाग से कई मुद्दों पर की मांग
बता दें कि बीएचएसए यह भी मांग कर रहा है कि सरकार डॉक्टरों के दैनिक और साप्ताहिक ड्यूटी घंटे तय करें. साथ ही खाली रह गए डॉक्टरों के 45% पदों को भरें, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें और बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू करने से पहले डॉक्टरों के साथ चिंताओं पर चर्चा करें. इसके अलावा बिहार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों,  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लगभग सात हजार डॉक्टरों ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन के रूप में बाहरी रोगी विभाग की ड्यूटी से परहेज किया.

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