Sarva Pitru Amavasya 2024: हर साल अश्विन कृष्ण अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाती है, जिसे महालया अमावस्या भी कहते हैं. इस दिन लोग अपने मृत पूर्वजों के लिए विभिन्न पूजा और धार्मिक क्रियाएं करते हैं. इनमें पिंडदान और श्राद्ध जैसे विधि-विधान शामिल हैं.
Trending Photos
Sarva Pitru Amavasya 2024: आज 2 अक्टूबर 2024 को सर्व पितृ अमावस्या है, जो पितृ पक्ष का अंतिम दिन है. इस दिन पितरों का विसर्जन किया जाता है और यह माना जाता है कि मृत पितर इस दिन धरती पर आते हैं. पितृ पक्ष की शुरुआत 17 अक्टूबर को होती है, जब लोग अपने मृत पितरों की आत्मा को शांति पहुंचाने के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध जैसे कर्म करते हैं. आज, आप कुछ खास उपाय करके अपने पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं, जिससे आपको पितृदोष से मुक्ति मिल सकेगी और आपके घर में सुख-शांति एवं समृद्धि बनी रहेगी.
सर्व पितृ अमावस्या का महत्व
आचार्य मदन मोहन के अनुसार हिंदू धर्म में सर्व पितृ अमावस्या का खास महत्व है. जब यह अमावस्या पितृ पक्ष में पड़ती है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. साथ ही कहा कि हर साल अश्विन कृष्ण अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाती है. इसे महालया अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन उन सभी मृत पूर्वजों के लिए विशेष पूजा और श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु अमावस्या या पूर्णिमा के दिन हुई हो. अगर किसी व्यक्ति को अपने पितरों की मृत्यु की तारीख नहीं पता है, तो भी वे उन्हें श्रद्धांजलि दे सकते हैं. यह दिन 16 दिनों के पितृ पक्ष के समाप्त होने का प्रतीक भी है.
पितरों को प्रसन्न करने के उपाय
अपने पितरों को खुश करने के लिए आप कुछ सरल उपाय कर सकते हैं. एक विशेष उपाय जो आज के दिन करना चाहिए, वह यह है: सुबह के समय अपने घर के प्रवेश द्वार पर एक कटोरी में चावल और थोड़ा कपूर रखें. शाम को सूर्यास्त के बाद कपूर को जलाएं. इस दौरान 'ऊं पितृ देवताय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें. अपने पितरों से प्रार्थना करें कि यदि हमसे कोई गलती हुई हो, तो कृपया हमें माफ करें और हमें अपनी कृपा से नवाजें. इसके अलावा अगले दिन इस चावल को किसी पेड़ के नीचे रख दें ताकि कोई पक्षी इसे खा ले. ऐसा करने से माना जाता है कि जीवन में एक नया अध्याय शुरू होता है. इस उपाय को करने से आपके पितर प्रसन्न होंगे और आप पितृदोष से भी मुक्ति पा सकते हैं.
ये भी पढ़िए- Aaj Ka Panchang: आज 2 अक्टूबर 2024 का पंचांग, जानें शुभ समय और चन्द्रोदय का मुहूर्त