बिहार में ईद की सबसे बड़ी जमात पटना के गांधी मैदान में होती है. यहां 30 से 40 हजार लोग एक साथ ईद की नमाज अदा करते हैं.
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Patna: ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. लेकिन इस बार भी कोरोना की मार इस पर्व पर भी पड़ी है. जिस वजह से मुस्लिम संगठनों ने साफ तौर से एलान किया था कि इस बार भी ईद की नमाज पिछले साल घरों में पढ़ी जाएगी और कोई भी ईदगाह-मस्जिदों में नमाज अदा करने नहीं जाएगा.
नमाज ईदैन कमेटी के अध्यक्ष महमूद आलम ने पहले ही एलान कर दिया था कि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से पिछले साल की तरह इस साल भी ईद की नमाज गांधी मैदान में नहीं होगी. गांधी मैदान में 1925 से ईद की नमाज होती रही है. जानकारी के अनुसार, 96 साल में ये दूसरा मौका है जब ईद की नमाज पटना के गांधी मैदान में नहीं अदा की जाएगी.
इमारत-ए-शरिया के नाएब अमीर-ए-शरीयत हजरत मौलाना शमशाद अहमद रहमानी कासमी, जमाएत-ए-इस्लामी हिंद के क्षेत्रीय अमीर मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही, बिहार स्टेट सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मो. इरशादुल्लाह, बिहार स्टेट शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अफजल अब्बास समेत कई संस्थानों ने अपील की है कि ईद के दौरान लोग नमाज घर पर ही अदा करें.
वहीं, गाइडलाइन जारी करते हुए कहा गया था कि नमाज के बाद गले न मिलें और एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाएं. लोगों को दूर से ही ईद की मुबारकबाद दें. मुस्लिम संगठनों का कहना है कि पूरे रमजान लोगों नें अपनी इबादत अपने-अपने घरों में की है और ईद की नमाज भी वो अपने घरों में ही अदा करे.
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बिहार में ईद की सबसे बड़ी जमात पटना के गांधी मैदान में होती है. यहां 30 से 40 हजार लोग एक साथ ईद की नमाज अदा करते हैं और नमाज के बाद एक-दूसरे से गले मिल कर मुबारकबाद देतें है. हालांकि, पिछले दो सालों से यहां कोरोना की वजह से ईद के बाद नमाज अदा नहीं की जा सकी है.