Himachal Cloud Bursting: सोलन में फटा बादल, शिमला में भूस्खलन की चपेट में आया शिव मंदिर, 9 की मौत
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Himachal Cloud Bursting: सोलन में फटा बादल, शिमला में भूस्खलन की चपेट में आया शिव मंदिर, 9 की मौत

शिमला में सोमवार (14 अगस्त) की सुबह भूस्खलन होने पर समरहिल स्थित शिव मंदिर भी उसकी चपेट में आ गया. सावन के सोमवार के चलते मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे. 

शिमला में भूस्खलन

Himachal Pradesh Cloud Bursting: हिमाचल प्रदेश में आसमान से आफत बरस रही है. प्रदेश में लगातार हो रही बारिश की वजह से आम जन जीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. सोलन स्थित ममलीक के धायावला गांव में बादल फटने से तबाही मची है. वहीं शिमला में सोमवार (14 अगस्त) की सुबह भूस्खलन होने पर समरहिल स्थित शिव मंदिर भी उसकी चपेट में आ गया. सावन के सोमवार के चलते मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे. मंदिर में श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा कर रहे थे, तभी अचानक भूस्खलन हुआ और मंदिर बह गया. 20 से ज्यादा श्रद्धालु इसकी चपेट में आए हैं. जानकारी के मुताबिक, मलबे से 9 लोगों के शव बाहर निकाले जा चुके हैं. बाकी लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. 

एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, पांच लोगों को बचा लिया गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने मृतकों की संख्या की पुष्टि करते हुए कहा कि अब तक 9 शव निकाले जा चुके हैं. उन्होंने एक बयान में कहा कि स्थानीय प्रशासन उन लोगों को बचाने के लिए मलबे को हटाने के लिए काम कर रहा है जो अभी भी फंसे हो सकते हैं. भारी बारिश में भूस्खलन के कारण कुल्ली मनाली जाने वाले रास्ते बंद हैं. चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे से पंडोह के बीच कई जगहों पर भी रास्ते बंद हैं. शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के चलते कोटी के पास चक्की मोड़ पर बड़ी संख्या में भारी वाहन फंसे हुए हैं. मंडी जिले में भी भूस्खलन के कारण काफी नुकसान की खबरें आ रही हैं.

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उधर उत्तराखंड के चमोली जिले में भी बादल फटने की घटना सामने आई है. चमोली जिले के सोल घाटी में देर रात बादल फटने से थराली गांव और केरा गांव में भारी नुकसान हुआ है. दोनों गांवों में कई मकान, दुकानें और गौशालाएं मलबे में दब गए हैं. लोगों ने आधी रात को घर से भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई. पीपलकोटी, गडोरा और ढाढर बगड़ में भी कई मकान मलबे में दब गए हैं. देवानंद चंदोला समेत लोगों के कई मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. क्षेत्र में अभी भी बारिश हो रही है, जिससे लोग दहशत में हैं. प्राणमति नदी के उफान पर आने से रतगांव को जोड़ने वाला वैली ब्रीज और थराली गांव को कोटडीप से जोड़ने वाला आरसीसी ब्रिज भी टूट गया है. सोल घाटी मोटर मार्ग का लगभग 50 मीटर हिस्सा भी बह गया है जिससे ब्लॉक मुख्यालय थराली से सोल घाटी का संपर्क कट गया है.

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वहीं केदारनाथ पैदल मार्ग पर बड़ी लिंचलोली के पास रविवार (13 मार्च) की देर रात बादल फटने से बड़ी तबाही मची है. बादल फटने से टेंटों में सो रहे 6 लोग फंस गए. इनमें से 5 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई. वहीं छानी कैंप में तीन दुकानों को नुकसान पहुंचा है. मूसलाधार बारिश के कारण मंदाकिनी और अलकनंदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. बेलनी पुल के पास स्थित हनुमान मंदिर अलकनंदा नदी में डूब गया है. भारी बारिश से कई संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं. रुद्रप्रयाग छानी कैंप में भारी बारिश से तीन दुकानों को नुकसान पहुंचा है. दुकानों में भी बरसाती पानी घुसा है.

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